नई दिल्ली, 5 नवंबर (वीएनआई)| माकपा नेता सीताराम येचुरी ने एक निजी कंपनी के निदेशक मंडल में शीर्ष केंद्रीय मंत्रियों के होने के औचित्य पर सवाल उठाते हुए रविवार को इन मंत्रियों के इस्तीफे की मांग की।
येचुरी ने 'द वायर' के खुलासे के एक लिंक के साथ अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, तमाम अनुत्तरित प्रश्न। सरासर हित संघर्ष। संबंधित मंत्रियों को सरकार में रहने का कोई अधिकार नहीं। उन्हें हरहाल में इस्तीफा देना होगा।
समाचार वेबसाइट 'द वायर' ने शनिवार को जारी एक रपट में इस बात की विस्तृत जानकारी दी है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल के बेटे शौर्य डोभाल और भाजपा महासचिव राम माधव द्वारा संचालित एक थिंक टैंक, इंडिया फाउंडेशन में किस तरह सरकार के शीर्ष मंत्री निदेशक हैं और यह किस तरह विदेशी और भारतीय कॉरपोरेट्स की वित्तीय मदद पर निर्भर है, जिनमें से कुछ कॉरपोरेट्स के सरकार के साथ आदान-प्रदान हैं। रपट में कहा गया है कि शौर्य वित्तीय सेवाओं की एक कंपनी में भी एक साझेदार हैं, जो ओईसीडी (ऑर्गनाइजेशन फॉर इकॉनॉमिक को-ऑपरेशन एंड डेवलपमेंट) और उभरती एशियाई अर्थव्यवस्थाओं के बीच लेनदेन और पूंजी प्रवाह में विशेषज्ञता रखती है।
इंडिया फाउंडेशन में रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु, नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा और विदेश राज्य मंत्री एम.जे. अकबर निदेशकों में शामिल हैं। येचुरी ने कहा, "भारत सरकार इन मंत्रियों के साथ इस तरीके से समझौता कर रही है, जो बिल्कुल अस्वीकार्य है। यदि यह भ्रष्टाचार नहीं है तो फिर भ्रष्टाचार क्या है?"
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