नई दिल्ली, 23 नवंबर (वीएनआई)| केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज कहा कि कट्टरपंथी तत्व और आतंकवादी सोशल मीडिया का इस्तेमाल घृणा व आतंक फैलाने के लिए कर रहे हैं लेकिन भारत साइबर स्पेस के दुरुपयोग को समाप्त करने और उन्हें नाकाम बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
साइबर स्पेस पर वैश्विक कांफ्रेंस के पांचवे संस्करण को संबोधित करते हुए उन्होंने बेहतर डिजिटल भविष्य के लिए साइबेर स्पेस को सुरक्षित और सुढृढ़ करने की महत्ता पर जोर दिया। प्रसाद ने कहा, "हमारी सरकार सोशल मीडिया का इस्तेमाल अनसुने को आवाज देने के लिए कर रही है लेकिन साथ में यह भी सच है कि कट्टरपंथी ताकत और आतंकवादी इस माध्यम का इस्तेमाल घृणा और आतंक फैलाने के लिए कर रहे हैं। नौजवानों को कट्टर बनाने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल मानवता के लिए बड़ा खतरा है। उन्होंने कहा, दुनिया को आतंकवादियों और हैकर द्वारा साइबर स्पेस के दुरुपयोग से बचाने के लिए एक साथ आना होगा।
इस दो-दिवसीय समारोह में 131 देशों के हजारों प्रतिनिधि और 26 देशों के मंत्री यहां एकत्रित हुए हैं। प्रसाद ने चिंता जताते हुए कहा, "चाइल्ड पोर्नोग्राफी के लिए इंटरनेट का दुरुपयोग बचपन के लिए खतरनाक है। वित्तीय धोखाधड़ी और साइबर हमले से आम नागरिकों का विश्वास टूट सकता है। इसलिए, हम सभी को साइबर अपराध के विरुद्ध एक आवाज में बोलने की जरूरत है। उन्होंने भारतीयों की तकनीक तक आसान और सस्ती पहुंच बनाने के लिए अपनी सरकार की पहल जैसे 'भारत नेट' और आधार के बारे में भी बताया।
प्रसाद ने कहा, जब भारत समावेशी साइबर स्पेस की बात करता है, इसका मतलब इंटरनेट शासन के लोकतांत्रीकरण से भी है। भारत इंटरनेट शासन के लिए बहु हितधारक दृष्टिकोण की वकालत करता रहा है ताकि न केवल सरकार बल्कि अलग साझेदार भी इंसान के जबरदस्त आविष्कार में सक्रिय प्रतिभागी बन सके। मंत्री ने कहा, "लोगों की निजता को सुरक्षित करने के लिए, भारत ने आधार के संबंध में काफी कठोर कानून बनाए हैं और विस्तृत डाटा संरक्षण कानून की दिशा में भी काम हो रहा है। प्रसाद ने कहा, डाटा उपलब्धता, डाटा प्रयोग, डाटा उन्नयन और डाटा निजता को लेकर संतुलन बनाने की जरूरत है।
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