नई दिल्ली, 21 मार्च, (वीएनआई) जस्टिस यशवंत वर्मा के तबादले का इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने आज विरोध करते हुए कहा कि वे "कचरादान नहीं हैं।" सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जस्टिस के घर से कथित तौर पर पैसे मिलने के बाद उनका तबादला का आदेश दिया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मुख्य न्यायाधीश और इलाहाबाद हाईकोर्ट के सभी न्यायाधीशों को लिखे एक सख्त पत्र में बार एसोसिएशन ने एक बयान जारी किया जिसमें कहा गया कि "हम कचरादान नहीं हैं।" इस पत्र में कहा गया है कि कॉलेजियम के फैसले से वे हैरान हैं। यह टिप्पणी जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास पर आग लगने के बाद कथित तौर पर 15 करोड़ रुपए का ढेर मिलने के बाद आई है। इस टिप्पणी में कहा गया है कि, कॉलेजियम के इस निर्णय से एक गंभीर प्रश्न उठता है - क्या इलाहाबाद उच्च न्यायालय एक कूड़ेदान है? यह मामला तब महत्वपूर्ण हो जाता है जब हम वर्तमान स्थिति की जांच करते हैं जिसमें इलाहाबाद उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की कमी है और कई वर्षों से नए न्यायाधीशों की नियुक्ति नहीं हुई है।
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