लखनऊ, 4 अगस्त (वीएनआई)। बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा कि अपनी सरकार की विफलताओं पर से लोगों का ध्यान बांटने के लिए मोदी सरकार विरोधी पार्टी के नेताओं को बदनाम करके उन्हें भ्रष्ट घोषित करने में व्यस्त है। वहीं भाजपा मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के आरोप साबित होने के बाद भी कार्रवाई नहीं हो रही है, क्या यही मोदी सरकार का भ्रष्टाचार के विरुद्ध अभियान है?
राष्ट्रीय कार्यकारिणी व प्रदेश अध्यक्षों एवं प्रमुख पदाधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में मायावती ने पार्टीजनों को संबोधित करते हुए कहा, सीबीआई, आयकर, ईडी, पुलिस व अन्य सरकारी मशीनरी का घोर दुरूपयोग करके प्रतिपक्षी पार्टी के अनेक नेताओं को भ्रष्ट साबित करने की कोशिश लगातार की जा रही है, लेकिन भाजपा मंत्रियों व नेताओं आदि के खिलाफ भ्रष्ट आचरण व भ्रष्टाचार के मामले खुले तौर पर साबित होने के बावजूद उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती है, ऐसा भेदभाव व विद्वेषपूर्ण व्यवहार क्यों? क्या यही भाजपा व मोदी का भ्रष्टाचार के विरुद्ध अभियान है? मायावती ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा, सीमा सुरक्षा जैसे देशहित के साथ-साथ जनहित व जनकल्याण के महžवपूर्ण मुद्दों पर बुरी तरह से विफल करार दिया है।
बसपा अध्यक्ष ने कहा, अपनी सरकारी की विफलताओं पर से ध्यान हटाने के लिए पहले लव-जेहाद, एंटी-रोमियो आदि के नाम पर उत्पीड़न और फिर नोटबंदी आदि के माध्यम से लोगों का ध्यान बांटा गया और अब प्रतिपक्षी पार्टियों को अस्थिर करने, उन्हें भ्रष्ट साबित करने तथा उनकी आवाज को संसद तक में दबाने का लोकतंत्र-विरोधी प्रयास किया जा रहा है। मायावती ने कहा, भाजपा एंड कंपनी सरकार की लोकतंत्र व जनविरोधी रवैये के खिलाफ बसपा कतई चुप बैठने वाली नहीं है, बल्कि इनका आम जनता में पर्दाफाश करने के लिए देशभर में और खासकर उप्र में सघन कार्यक्रम चलाने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि इसी के तहत उप्र में अगले महीने 18 सितंबर से मंडल स्तर पर कार्यकर्ता महासम्मेलन हर महीने आयोजित किए जाएंगे, जबकि देश के अन्य राज्यों में यह प्रक्रिया नवंबर महीने से शुरू होगी।
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