लखनऊ, 10 जनवरी (वीएनआई)| उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और राज्य के अधिकांश इलाकों में सुबह से ही घना कोहरा छाया हुआ है। मौसम विभाग का दावा है कि पिछले 10 वर्षो के दौरान जनवरी में ऐसी ठंड नहीं पड़ीं। लगभग एक सप्ताह से तापमान दो डिग्री सेल्सियस से लेकर 15 डिग्री सेल्सियस के बीच अटका हुआ है। हालांकि, इस सप्ताह के अंत तक मौसम के रुख में बदलाव होने की उम्मीद है।
उप्र मौसम विभाग के निदेशक जे पी गुप्ता के अनुसार, बुधवार को दिन में दोपहर बाद ही धूप निकलेगी। इस सप्ताह के अंत तक न्यूनतम और अधिकतम तापमान में कमी आने की उम्मीद है। इस बार मैदानी इलाकों में सर्दी में बारिश न होने की वजह से भी तापमान एक ही चक्र के आसपास टिका हुआ है। गुप्ता ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ भी उतना प्रभावी नही रहा जिससे चक्रवाती परिस्थतियां बन सकें। इसकी वजह से पहाड़ी क्षेत्रों से आने वाली सर्द हवाएं बिना किसी रुकावट के मैदानी इलाकों तक पहुंच रही हैं। इससे ठंड ज्यादा बढ़ गई है। प्रसिद्घ मौसम विज्ञानी प्रो ध्रुवसेन हालांकि इसे ग्लोबल वार्मिंग का असर बता रहे हैं। उनका कहना है कि पारिस्थतिकी तंत्र को नुकसान पहुंचने की वजह से मौसम के रुख में बदलाव देखने को मिल रहा है।
मौसम विभाग ने दावा किया है कि पिछले साल लखनऊ में कुछ समय के लिए जरूर तापमान एक डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था लेकिन उस समय भी अधिकतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस के आसपास दर्ज किया गया था। यह पहला मौका है जब जनवरी में न्यूनतम तापमान और अधिकतम तापमान दो डिग्री सेल्सियस से 15 डिग्री सेल्सियस के बीच अटका हुआ है। मौसम विभाग के मुताबिक, बुधवार को हालांकि लखनऊ का न्यूनतम तापमान 6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि अधिकतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किए जाने का अनुमान है। लखनऊ के अतिरिक्त बुधवार को गोरखपुर का न्यूनतम तापमान सात डिग्री, कानपुर का 5.8 डिग्री, बनारस का 5.7 डिग्री, इलाहाबाद का 7.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
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