नई दिल्ली, 14 सितम्बर, (वीएनआई) पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 15वें वित्त आयोग के विषय एवं शर्तों में बदलाव के तरीके को एकपक्षीय बताते हुए आज केंद्र सरकार की आलोचना की।
मनमोहन सिंह ने कहा कि एकपक्षीय सोच फेडरल पॉलिसी और को-ऑपरेटिव फेडरलजिम के लिए ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कहा सरकार वित्त आयोग के विचारणीय विषय व शर्तों में फेरबदल करना भी चाहती थी तो अच्छा तरीका यही होता कि उस पर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन का समर्थन ले लिया जाता। यह सम्मेलन अब नीति आयोग के तत्वावधान में होता है। मनमोहन सिंह ने कहा, ऐसा नहीं करने से यह संदेश जाएगा कि धन के आवंटन के मामले में केंद्र सरकार राज्यों के अधिकारों को छीनना चाहती है। उन्होंने कहा मुझे लगता है कि हम अपने देश की जिस संघीय नीति और सहकारी संघवाद की कसमें खाते हैं, यह उसके लिए ठीक नहीं है।
मनमोहन सिंह ने आगे कहा आयोग की रिपोर्ट वित्त मंत्रालय जाती है और उसके बाद इसे मंत्रिमंडल को भेजा जाता है। ऐसे में मौजूदा सरकार को यह देखना चाहिए कि वह राज्यों के आयोगों पर एकपक्षीय तरीके से अपना दृष्टिकोण थोपने के बजाय संसद का जो भी आदेश हो उसका पालन करे। गौरतलब है केंद्र ने 15वें वित्त आयोग को राज्यों के बीच राशि के बंटवारे का आधार 1971 के बजाय 2011 की जनसंख्या को बनाने के लिए कहा है। वहीं दक्षिण के कई राज्य इसका विरोध कर रहे हैं।
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