नई दिल्ली, 05 जून, (वीएनआई) बंगाली भाषा को असम की पहली भाषा बनाने के लिए पश्चिम बंगाल के बुद्धिजीवियों का एक वर्ग ने सोशल मीडिया पर 'चलो पलटई' अभियान चला रहा है, जिसकी आलोचना के बाद असम में इसका भारी विरोध शुरू हो गया है।
इस कैंपेन के खिलाफ पूरे असम में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है और लोगों ने पुलिस स्टेशनों में इस कैंपेन के खिलाफ केस दर्ज कराया है। असम पुलिस की इंटेलिजेंस विंग भी सोशल मीडिया पर चलाए जा रहे इस कैंपेन पर नजरें जमाए हुए है। गौरतलब है ये कैंपेन ऐसे वक्त में शुरू किया गया है जब एनआरसी के अपडेशन का काम जारी है। एनआरसी के अपडेशन का काम इस साल 31 जुलाई तक फाइनल होने की उम्मीद जताई गई है।
वहीं एक अधिकारी ने बताया कि बंगाल के ही कुछ लोगों ने इस कैंपेन को शुरू किया है। उन्होंने बताया कि पूरे कैंपेन की निगरानी करने के साथ सोशल मीडिया और जमीनी हालात पर नजर रखी जा रही है। अधिकारी ने कहा कि इस कैंपेन का मकसद यही है कि अगली जनगणना के दौरान हिंदू-मुस्लिम वाले कॉलम में लोग बंगाली लिखें। इस प्रकार से असम में बंगाली पहली भाषा बन जाएगी।
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