नई दिल्ली, 10 दिसंबर, (वीएनआई) लोकसभा में बीते सोमवार को नागरिकता संशोधन बिल 2019 हंगामे के बीच लोकसभा में पास हो गया है। वहीं बिल को लेकर उत्तरपूर्वी राज्यों असम, मणिपुर और त्रिपुरा में भारी विरोध प्रदर्शन हो रहा है।
राज्यसभा में इस बिल का अभी पास होना बाकी है। लेकिन विपक्षी दलों के जारी भारी विरोध के बीच असम में कई संगठनों ने 12 घंटे की हड़ताल बुलाई है, जिससे सामान्य जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। सबसे ज्यादा खराब हालात गुवाहाटी के हैं। यहां दुकानें, स्कूल कॉलेज अभी भी बंद हैं। प्रदर्शनों के चलते लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान जाने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच गुवाहाटी, डिब्रूगढ़ और कॉटन यूनिवर्सिटी की परीक्षा रद्द कर दी गई हैं। वहीं इस बिल को लेकर उत्तरपूर्व के मूल निवासियों का कहना है कि बाहर से आकर नागरिकता लेने वाले लोगों से उनकी पहचान और आजीविता को खतरा है।
पूर्वोत्तर के अन्य राज्य त्रिपुरा की बात करें तो यहां भी बिल के विरोध में प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं। भाजपा की सहयोगी आईपीएफटी सहित अन्य आदिवासी समूहों ने बंद का आयोजन किया है। वहीं मणिपुर में भी नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ शुरू किए गए आंदोलन के कारण सोमवार को सामान्य जनजीवन प्रभावित रहा। ये विरोध 9 दिसंबर को शुरू हुआ जो 11 दिसंबर तक रहेगा। हालांकि यह बिल असम, मेघालय, मिजोरम, त्रिपुरा और मणिपुर के आदिवासी इलाकों पर लागू नहीं होगा। गौरतलब है इस विधेयक के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न के शिकार गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है। विपक्ष इस बिल का लगातार विरोध कर रहा है।
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