पटना, 18 अगस्त (वीएनआई)| बिहार के सीमांचल क्षेत्रों और नेपाल में लगातार हो रही बारिश के कारण राज्य की सभी प्रमुख नदियां उफान पर हैं। नदियों के जलस्तर में वृद्धि के काराण बाढ़ की स्थिति गंभीर बनती जा रही है। बिहार के 15 जिलों में बाढ़ का पानी फैल गया है, जिससे करीब 98 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। बाढ़ की चपेट में आने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 119 तक पहुंच गई है।
आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने आज बताया कि राज्य के 15 जिलों के 98 लाख से ज्यादा की आबादी बाढ़ से प्रभावित है। उन्होंने कहा कि बाढ़ की चपेट में आने से मरने वालों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। राज्य में अब तक बाढ़ से मरने वालों की संख्या 119 तक पहुंच गई है। अररिया में सबसे ज्यादा 23 लोगों की मौत हुई है, जबकि किशनगंज में 11, पूर्णिया में पांच, कटिहार में सात, पूर्वी चंपारण में 11, पश्चिमी चंपारण में 11, दरभंगा में चार, मधुबनी में सात, सीतामढ़ी में 12, शिवहर में दो, सुपौल में 11, मधेपुरा में पांच, गोपालगंज में तीन, सहरसा में चार तथा खगड़िया में तीन व्यक्ति की मौत हुई है। बाढ़ प्रभावित इलाकों से पानी से घिरे चार लाख लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इसके अलावा इन क्षेत्रों में 1,238 राहत शिविर खोले गए हैं, जिसमें करीब 3.10 लाख लोग शरण लिए हुए हैं। उन्होंने बताया कि 1,646 सामुदायिक रसोई खोली गई है, जिसमें तीन लाख से ज्यादा लोगों को खाना खिलाया जा रहा है।
इधर, राज्य की कई प्रमुख नदियों के जलस्तर में कमी आई है, लेकिन अब भी कई स्थानों पर नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। नियंत्रण कक्ष में प्रतिनियुक्त सहायक अभियंता शेषनाथ सिंह ने शुक्रवार को आईएएनएस को बताया कि सुबह छह बजे वीरपुर बैराज में कोसी नदी का जलस्तर 1.60 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया था, जो 10 बजे घटकर 1.58 लाख क्यूसेक हो गया। वाल्मीकिनगर बैराज में गंडक का जलस्तर सुबह 10 बजे 1.52 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया। इधर, बागमती नदी डूबाधार, सोनाखान और बेनीबाद में, जबकि कमला बलान नदी झंझारपुर में खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं। अधवारा समूह की नदियां भी कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
विभाग के एक अधिकारी ने दावा किया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर चलाए जा रहे हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि बाढ़ का पानी नए इलाकों में भी फैल रहा है। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों की मदद के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), एसडीआरएफ और सेना के जवानों को लगाया गया है। आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने दावा किया कि सभी प्रभावित क्षेत्र में आवश्यक दवाएं, ब्लीचिंग पाउडर एवं सर्पदंश से संबंधित दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करा दी गई हैं।
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