नयी दिल्ली 27 मई-17 (सुनील कुमार -वीएनआई)
महबूब ख़ान का जन्म 1907 में बिलमिरिया, गुजरात हुआ और मृत्यु- 28 मई, 1964 को हुई , वे हिंदी सिनेमा के जाने माने निर्माता-निर्देशक थे। हिन्दी सिनेमा जगत के युगपुरुष महबूब ख़ान को एक ऐसी शख़्सियत के तौर पर याद किया जाता है जिन्होंने दर्शकों को लगभग तीन दशक तक क्लासिक फ़िल्मों का तोहफा दिया। वह युवावस्था में घर से भागकर मुंबई आ गए और एक स्टूडियो में काम करने लगे। भारतीय सिनेमा को आधुनिकतम तकनीकी से सँवारने में अग्रणी निर्माता-निर्देशक महबूब ख़ान का अहम किरदार रहा है। महबूब ख़ान हॉलीवुड के फ़िल्मों से बहुत अधिक प्रभावित थे और भारत में भी उच्च स्तर के चलचित्रों का निर्माण करने में जुटे रहते थे।
वर्ष 1949 में प्रदर्शित फ़िल्म अंदाज़ महबूब ख़ान की महत्त्वपूर्ण फ़िल्मों में शामिल है। प्रेम त्रिकोण पर बनी दिलीप कुमार, राज कपूर और नर्गिस अभिनीत यह फ़िल्म क़्लासिक फ़िल्मों में शुमार की जाती है। वर्ष 1952 में प्रदर्शित फ़िल्म आन महबूब ख़ान की एक और महत्त्वपूर्ण फ़िल्म साबित हुई। इस फ़िल्म की ख़ास बात यह थी कि यह हिंदुस्तान में बनी पहली टेक्नीकलर फ़िल्म थी और इसे काफ़ी खर्च के साथ वृहत पैमाने पर बनाया गया था।
वर्ष 1957 में प्रदर्शित फ़िल्म मदर इंडिया महबूब ख़ान की सर्वाधिक सफल फ़िल्मों में शुमार की जाती है। उन्होंने मदर इंडिया से पहले भी इसी कहानी पर 1939 में औरत फ़िल्म का निर्माण किया था और वह इस फ़िल्म का नाम भी औरत ही रखना चाहते थे। लेकिन नर्गिस के कहने पर उन्होंने इसका मदर इंडिया जैसा अंग्रेज़ी नाम रखा। फ़िल्म की सफलता से उनका यह सुझाव सही साबित हुआ। महान अदाकारा नर्गिस को फ़िल्म इंडस्ट्री में लाने में महबूब ख़ान की अहम भूमिका रही।इस फिल्म को बहुत से पुरस्कारों से नवाजा गया !आज भी भारत की चुनिंदा फिल्मों में इसे शुमार किया जाता है !