लंदन, 23 जुलाई (वीएनआई)| आईसीसी महिला विश्व कप के फाइनल में आज भारतीय टीम लॉर्ड्स मैदान पर इतिहास रचने के इरादे से मेजबान इंग्लैंड के खिलाफ खिताबी जंग के लिए उतरेगी। भारत टूर्नामेंट के लीग दौर के अपने पहले मैच में इंग्लैंड को हरा चुकी है।
साल 2005 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विश्व कप के फाइनल में हारने वाली भारतीय टीम के लिए रविवार का दिन विशेष है। भारतीय टीम इंग्लैंड के मुकाबले बेहतर फॉर्म में दिखाई दे रही है। इस मैच में 2005 विश्व कप टीम की सदस्य झूलन गोस्वामी चार रन बनाते ही एक हजार रन और सौ विकेट लेने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बन जाएंगी।
फाइनल में भारत का पलड़ा मेजबान टीम पर भारी लग रहा है। भारतीय टीम में युवा जोश की आक्रामकता और अनुभवी खिलाड़ियों का अच्छा तालमेल है, जो टीम की बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग में दिखाई देता है। भारतीय स्पिनर फॉर्म में चल रही हैं, जो सीम और स्विंग कंडीशंस में भी बढ़िया प्रदर्शन कर रही हैं। दीप्ति शर्मा ने इंग्लैंड के खिलाफ लीग दौर में 8.3 ओवरों में 47 रन देकर तीन विकेट हासिल किया था। टीम को उनसे फाइनल में भी इसी प्रदर्शन की उम्मीद होगी। उन्होंने उस मैच में नतालीए डेनियल और अन्या के विकेट चटकाए थे। इंग्लैंड के खिलाफ इस मैच में स्मृति मंधाना, पूनम राउत और कप्तान मिताली राज की शानदार बल्लेबाजी के दम पर भारत ने 247 का स्कोर खड़ा करके जीत दर्ज की थी। साथ ही इस विश्व कप में भारत की रोटेशन पॉलिसी में अच्छी रणनीति की छाप दिखाई देती है। मंधाना, मिताली और एकता बिष्ट से लेकर वेदा कृष्णामूर्ति और अब हरमनप्रीत के बारे में सही समय पर सही फैसले लिए गए जो टीम के लिए खासे उपयोगी रहे। भारत के शीर्ष क्रम की तीन बल्लेबाज इस विश्व कप में सेंचुरी लगा चुकी हैं। बाएं हाथ की स्पिनर्स बखूबी विकेट चटका रही हैं।
वहीं, मेजबान टीम को हल्के में लेना भारत के लिए गलत साबित हो सकता है। मिताली इस बात को भलीभांती जानती हैं कि इंग्लैंड अपने घर में मजबूत टीम है। इंग्लैंड की नैट स्काइवर न्यूजीलैंड और पाकिस्तान के खिलाफ शतक लगा चुकी हैं। वह मैच को अपने पक्ष में करने का माद्दा रखती हैं। वह अपनी टीम को 2009 में न्यूजीलैंड को हराकर विश्व कप ट्रॉफी दिला चुकी हैं।
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