नई दिल्ली, 26 जून, (वीएनआई) शिवसेना ने आज एक बार फिर से अपने मुख्य पत्र सामना में प्रधानमंत्री पर हमला करते हुए कहा कि पीएम मोदी आगामी बिहार विधानसभा चुनावों के लिए गलवान घाटी संघर्ष में शहीद हुए भारतीय सेना जवानों की वीरता का इस्तेमाल कर रहे हैं।
शिवसेना ने मुखपत्र सामना के माध्यम से आरोप लगाया कि पीएम एक विशेष सेना रेजीमेंट की भूमिका को हाइलाइट्स करके "जाति और क्षेत्रीय कार्ड" खेल रहे हैं। गलवान वैली में पूरे देश की फौज है। जो शहीद होते हैं, वे देश के जवान होते है। राष्ट्र की आत्मा होते हैं। सामना में आगे लिखा है, 'बिहार में चुनाव है इसलिए सेना में जात और प्रांत का महत्व बताया जा रहा है। पत्र ने लिखा कि, प्रधानमंत्री मोदी भी इस राजनीति में कुशल हो गए हैं। कल प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘बिहार रेजिमेंट' ने लद्दाख की गलवान घाटी में बहादुरी दिखाई। तो महारों, मराठों, राजपूतों, सिखों, गोरखाओं, डोगरा रेजिमेंट सीमा पर तंबाकू मलते बैठे थे क्या?
सामना मेंआगे लिखा है, महाराष्ट्र के वीरपुत्र सुनील काले कल पुलवामा में शहीद हो गए। लेकिन बिहार में चुनाव होने के कारण ही सेना में ‘जाति' और ‘प्रांत' का महत्व बताया जा रहा है। इस तरह की राजनीति कोरोना से भी बदतर है! महाराष्ट्र में विपक्ष इस खुजली को खुजलाने का काम कर रहा है। इसलिए भाजपा पर गांव-गांव में जूते खाने की नौबत आ गई है। पता नहीं ये कब सुधरेंगे?
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