नई दिल्ली, 07 जून, (वीएनआई) संस्कृत भाषा को देश की आधिकारिक भाषा बनाए जाने को लेकर कांग्रेस सांसद सांसद शशि थरूर ने कहा है कि संस्कृत को एकदम से आधिकारिक भाषा बनाना वाजिब मांग नहीं लगती है।
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंद कुमार साय ने संस्कृत भाषा को देश की आधिकारिक भाषा बनाए जाने को लेकर कहा था कि हिंदी की जगह संस्कृत भाषा को आधिकारिक भाषा बनाया जाए। जिसपर केरल से कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि संस्कृत एक जबरदस्त भाषा है, लेकिन यह सरल भाषा नहीं है, ना ही संस्कृत भाषा को अधिक लोग बोलते हैं। लिहाजा संस्कृत भाषा को एकदम से आधिकारिक भाषा बनाना वाजिब मांग नहीं लगती है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले वर्ष नवरात्र के मौके पर लोगों को शुभकामनाएं संस्कृत भाषा में दी थी, उन्होंने संस्कृत में ट्वीट करके लोगों को शुभकामनाएं दी थी। जिसका शशि थरूर ने अंग्रेजी में अनुवाद करके ट्वीट किया था। वहीं नई शिक्षा नीति को लेकर मोदी सरकार लगातार मंथन कर रही है। हाल ही में प्रस्ताव आया था कि हिंदी, अंग्रेजी और एक क्षेत्रीय भाषा को स्कूलों में पढ़ाया जाना अनिवार्य किया जाएगा। जिसके बाद हर तरफ इसका विरोध होने लगा था।
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