मुंबई, 02 नवंबर, (वीएनआई) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अयोध्या विवाद की सुनवाई अगले साल तक टालने के निर्णय पर कहा कि इस मामले पर उन्हें जल्द निर्णय की उम्मीद थी लेकिन शीर्ष अदालत ने इसे टालकर हमारे इंतजार को और लंबा कर दिया है।
आरएसएस ने राम मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश की मांग फिर दोहराते हुए कहा कि अगर जरूरी हुआ तो वह राम मंदिर के लिए 1992 जैसा आंदोलन भी करेगा। संघ ने कहा कि सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत द्वारा यह कहे जाने पर कि हमारी प्राथमिकताएं अलग हैं, इसे हिंदू समाज अपमानित महसूस कर रहा है। संघ के सर कार्यवाह भैयाजी जोशी ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा राम मंदिर के निर्माण की प्रतीक्षा लंबी होती जा रही है। सर्वोच्च न्यायलय में इस मामले की सुनवाई को 7 साल हो गए हैं। जब तीन जजों की पीठ बनी थी तो हमें उम्मीद थी जल्द इसपर कोई निर्णय आएगा। पर उस पीठ का कार्यकाल समाप्त हो गया। न्यायलय ने फिर नए नामों की घोषणा कर दी और कोर्ट ने 29 अक्टूबर तक के लिए उसे टाल दिया। हमें उम्मीद बंधी कि दिवाली से पहले कुछ शुभ समाचार मिल जाए। लेकिन शीर्ष अदालत ने इस मामले की सुनवाई को ही अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया।'
No comments found. Be a first comment here!