पेरिस 13 दिसंबर (वीएनआई) ग्लोबल वार्मिंग की बेहद गंभीर समस्या से निपटने के लिए फ्रांस की राजधानी पेरिस में 195 देशों के बीच चली उहापोह के बाद अंततः एतिहासिक जलवायु समझौता हो गया.समझौते में दुनिया भर के तापमान में वृद्धि को 2 डिग्री सेल्सियस से कम रखने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
फ्रांस के विदेश मंत्री लौरां फाबियुस ने समझौते की घोषणा तालियों की गड़गड़ाहट के बीच की. इससे पहले, फ्रांसीसी समाचार एजेंसी एएफपी ने कहा था कि 134 विकासशील देशों वाले समूह ने जलवायु परिवर्तन पर प्रस्तावित समझौते को अपना समर्थन दे दिया है.ये पहली बार है जब जलावुय परिवर्तन पर समझौते में कार्बन उत्सर्जन में कटौती पर सभी देशों में सहमति बनी है.दुनिया भर के तमाम नेताओं ने इस समझौते को ऐतिहासिक बताया है.समझौते के अनुसारः
सभी देश कार्बन उत्सर्जन में शीघ्रतिशीघ्र कमी लाएंगे.
ग्रीन हाउस गैसों और उनके स्रोत के बीच 2020 तक संतुलन बनाया जाएगा.
वैश्विक तापमान को 1.5 डिग्री सेल्सियस पर सीमित करने की कोशिश का लक्ष्य रखा गया है.
प्रत्येक पांच साल में इस दिशा में हुई प्रगति की समीक्षा की जाएगी.
2020 तक कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के लिए विकासशील देशों को हर साल 100 अरब डॉलर की मदद दी जाएगी जिसे और बढ़ाया भी जा सकता है.
जलवायु परिवर्तन समझौते पर सभी देश अगले साल 22 अप्रैल को औपचारिक रूप से हस्ताक्षर करेंगे.