नई दिल्ली, 02 अक्टूबर, (वीएनआई) प्रधानमंत्री मोदी ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर न्यूयॉर्क टाइम्स में लेख में लिखकर कहा है कि आने वाली भविष्य की पीढ़ियों के लिए बापू के आदर्शों को याद रखने की बात कही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने 'Why India and the World Need Gandhi' नाम के कॉलम लिखा कि महात्मा गांधी को मैं श्रद्धांजलि देते हुए यह प्रस्ताव देता हूं जोकि काफी चुनौतीपूर्ण है। हम जानते हैं कि एल्बर्ट आईंस्टीन ने महात्मा गांधी के लिए क्या कहा था। उन्होंने कहा था कि आने वाली पीढ़ियां इस बात पर भरोसा नहीं करेंगी कि हाड-मांस का बना एक ऐसा व्यक्ति भी धरती पर कभी चलता था। मैं विचारकों को आमंत्रित करता हूं, व्यापारियों और टेक लीडर्स को आगे आने के लिए कहता हूं कि वह बापू के आदर्शों को अनोखे तरीके से आने वाली पीढ़ियों के सामने रखे।
प्रधानमंत्री ने दुनियाभर के नेताओं पर महात्मा गांधी के विचारों के प्रभाव का जिक्र किया है। जिसमे मार्टिन लूथर किंग जूनियर, नेल्सन मंडेला जैसे लोग शामिल हैं। मंडेला के लिए महात्मा गांधी भारतीय और दक्षिण अफ्रीकी दोनों ही थे। प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रवाद पर गांधी जी के विचारों को साझा करते हुए लिखा कि गांधी जी के लिए राष्ट्रवाद मानवता की सेवा करना था। उन्होंने लिखा गांधी जी ने चरखा, खादी जैसे सामान्य चीजों से देश के बड़े तबके की राजनीति की, वह कभी भी सत्ता के पीछे नहीं भागे। आखिर कौन नमक से इतने बड़े तबके की राजनीति कर सकता है। दुनिया में कई बड़े आंदोलन हुए, भारत में भी कई स्वतंत्रता आंदोलन हुए, लेकिन गांधी जी का संघर्ष बिल्कुल अलग था, उनके संघर्ष में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए, उन्होंने कभी भी कोई प्रशासनिक पद नहीं लिया और ना ही चुनाव लड़ा। वह कभी भी सत्ता पाने के इच्छुक नहीं थे।
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