नई दिल्ली, 01 जनवरी, (वीएनआई) बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने नागरिकता संशोधन कानून, नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर और एनआरसी को लेकर जारी विरोध के बीच भाजपा पर निशाना साधा। साथ ही उन्होंने हिंसक विरोध को लेकर भी सख्त आपत्ति जताई है।
उत्तरप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने आज भाजपा पर आरोप लगाया कि वह अपने सांप्रदायिक एजेंडे पर चलकर देश के संविधान को कमजोर कर रही है, लेकिन साथ ही उन्होंने हिंसक विरोध को लेकर भी आगाह किया है। उन्होंने कहा है नया साल पिछले साल की तरह तकलीफदेह नहीं होना चाहिए। केंद्र और राज्य की सांप्रदायिक और संकीर्ण सोच वाली सरकार की वजह से 2019 में संविधान कमजोर हुआ। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि खासकर जिस तरह से साल का अंत हिंसात्मक रहा, वह बहुत ही चिंताजनक और दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने आगे कहा विरोध इस तरह से होना चाहिए कि इससे किसी भी धर्म के व्यक्ति की भावना आहत नहीं होनी चाहिए, न ही इससे देश में माहौल ही खराब होना चाहिए। उन्होंने कहा जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों को यह नहीं भूलना चाहिए कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, जहां अलग-अलग धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं। उन्होंने कहा है रहन-सहन और संस्कृति का उनका अपना तरीका है। हमें संस्कृतियों और धर्मों को सम्मान देना चाहिए।
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