बेंगलुरु, 15 जुलाई, (वीएनआई) कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार चला रहे मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने एक कार्यक्रम में अपना दर्द छलकते हुए कहा कि उनकी पार्टी के लोग इस बात से खुश हैं कि उनके अन्ना मुख्यमंत्री बने हैं लेकिन वह वर्तमान हालात से खुश नहीं हैं।
जेडीएस की तरफ से कुमारस्वामी के मुख्यमंत्री बनने की ख़ुशी में एक कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमे उन्होंने गुलदस्ते और फूलमाला तक को स्वीकार नहीं किया। कुमारस्वामी ने कहा कि मैं किसी को बताए बिना अपने दर्द को जब्त कर रहा हूं, जो जहर से कम नहीं है। गठबंधन की सरकार का नेतृत्व करने के संबंध में कुमारस्वामी ने कहा कि जो कुछ भी चल रहा है उससे वह खुश नहीं हैं। कुमारस्वामी के भाषण में सोशल मीडिया पर चलाई जा रही 'कुमारस्वामी मेरे सीएम नहीं' वाली पोस्ट का असर देखा गया। गौरतलब है कोदागू के एक लड़के ने एक विडियो पोस्ट किया था जिसमें उसके गांव की सड़क बह गई। उसने कहा कि सीएम को इसकी चिंता ही नहीं है। इसी तरह कोस्टल जिलों के मछुआरे भी लोन माफी नहीं होने की वजह से कुमारस्वामी सरकार के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं।
कुमारस्वामी ने आगे कहा कि कोई नहीं जानता कि लोन माफी के लिए अधिकारियों को मनाने के लिए मुझे कितनी बाजीगरी करनी पड़ी है। सीएम ने कहा, 'अब वे 'अन्ना भाग्य स्कीम' में 5 किलो चावल की बजाय 7 किलो चाहते हैं। मैं इसके लिए कहां से 2500 करोड़ रुपये लेकर आऊं? टैक्स लगाने के लिए मेरी आलोचना हो रही है। इन सबके बावजूद मीडिया कह रही है कि मेरी लोन माफी स्कीम में स्पष्टता नहीं है। अगर मैं चाहूं तो 2 घंटों के भीतर सीएम का पद छोड़ दूं।' उन्होंने कहा कि यह उनका दुर्भाग्य ही है कि चुनावों के दौरान लोग उन्हें सुनने के लिए तो इकट्ठा हुए लेकिन जब वोट देने की बारी आई तो पार्टी के कैंडिडेट्स को भूल गए। कुमारस्वामी ने कहा, 'ईश्वर ने मुझे यह शक्ति (सीएम पद) दी है। वह तय करेंगे कि मुझे कितने दिन रहना है।' कुमारस्वामी ने एक तरह से विधानसभा चुनावों में अपनी पार्टी के खराब प्रदर्शनों को स्वीकार करते हुए कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री का पद केवल लोगों की भलाई के लिए लिया।
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