नई दिल्ली ११ मार्च (वीएनआई)हाल के विधान सभा चुनावो मे अपने दलो को छोड़ने वाले दलबदलुओ मे से अनेक की बल्ले बल्ले हो गई.यह पंजाब, उत्तराखंड से लेकर उत्तर प्रदेश तक में देखने को मिला.हाल ही मे बीजेपी से कांग्रेस में आए और तीन बार लोकसभा सांसद रहे नवजोत सिंह सिद्धू ने अमृतसर पूर्व सीट भाजपा प्रत्याशी से ४२००० से अधिक वोटो से जीत ली है.
चुनाव के ठीक पहले सिद्धू ने कांग्रेस का दामन थामा था. बीजेपी से नाराज़गी के बाद सिद्धू के आम आदमी पार्टी के साथ आने की चर्चा थी लेकिन आख़िर में काफी सोच विचार के बाद वह कांग्रेस के साथ गए. पंजाब में कांग्रेस को बहुमत मिला है.
सिद्ध के अलावा कुछ और भी चेहरें हैं जो अपनी पूर्व पार्टी को त्याग कर दूसरी पार्टी की शरण मे गये और उन्हे इस चुनाव मे विजय भी मिली . उत्तरप्रदेश की कद्दावर ब्राह्मण नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा की बेटी रीता बहुगुणा जोशी जिन्होने चुनाव से कुछ ही पहले कांग्रेस को छोड़ भाजपा का दामन पकड़ा था, लखनऊ कैंट से चुनाव जीत गयी उन्होने मुलायम की छोटी बहू अपर्णा यादव को ३३००० से अधिक वोटो से हराया.
बहुजन समाज पार्टी का साथ छोड़कर बीजेपी का दामन थामने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कुशीनगर के पंडरौना से चुना तकरीबन ९३०००० से अधिक मतों से चुनाव जीत गये हैं आमतौर पर कहा जाता है कि कभी बसपा में दूसरे नंबर के नेता माने जाने वाले स्वामी प्रसाद मौर्या उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी के पिछड़ी जाति बड़े नेता थे. वह उत्तर प्रदेश विधानसभा में बहुजन समाज पार्टी की तरफ से नेता प्रतिपक्ष थे
उत्तराखंड से कॉंग्रेस को छोड़ भाजपा मे शामिल हुए प्रख्यात नेता हेमवती नंदन बहुगुणा के पुत्र और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री विजय कुमार बहुगुणा के ्छोटे बेटे भाजपा के सौरभ बहुगुणा सितारगंज से चुनाव जीत गये हैं.
हालांकि ऊंचाहार सेश्री मौर्या के बेटे उत्कर्ष मौर्या समाजवादी पार्टी प्रत्याशी मनोज कुमार पांडे से पीछे चल रहे हैं.