नई दिल्ली, 18 मई (वीएनआई)| कांग्रेस ने आज सर्वोच्च न्यायालय के उस आदेश का स्वागत किया, जिसमें उसने मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा को कर्नाटक विधानसभा में शनिवार को बहुमत साबित करने का निर्देश दिया है। गौरतलब है कि कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला ने मुख्यमंत्री बी.एस.येदियुरप्पा को विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए 15 दिनों का समय दिया था।
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने संवाददाताओं से कहा, सर्वोच्च न्यायालय ने शनिवार को विश्वास मत परीक्षण का आदेश देकर लोकतंत्र को बचाया है। राज्यपाल ने येदियुरप्पा को बहुमत साबित करने के लिए 15 दिनों का समय दिया था। भाजपा को अपनी सरकार को जारी रखने के लिए बहुमत साबित करना होगा। भाजपा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने को लेकर कर्नाटक के राज्यपाल की आलोचना करते हुए आजाद ने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि कांग्रेस व जनता दल (सेकुलर) के पास 117 विधायकों के होने के बावजूद उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया। राज्य विधानसभा की 222 सीटों के लिए 12 मई को हुए चुनाव में भाजपा को 104 सीटें मिली थीं, जबकि कांग्रेस को 78 व जेडी(एस) को 37 सीटें मिली हैं। कांग्रेस और जेडी(एस) ने चुनाव बाद गठबंधन किया है। जेडी(एस) के राज्य अध्यक्ष एच.डी.कुमारस्वामी ने चन्नापाटना व रामनगरा विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की है, पार्टी के पास 37 विधायक हैं। एक सीट बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के पास है।
आजाद ने कहा कि दो निर्दलीय भी कांग्रेस और जेडी(एस) को समर्थन दे रहे हैं। आजाद ने कहा, "इतिहास में किसी भी राज्यपाल ने दो सप्ताह का समय बहुमत साबित करने के लिए नहीं दिया है। कांग्रेस नेता व पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने राज्यपाल पर हमला किया और येदियुरप्पा को सरकार बनाने की अनुमति देने को 'असंवैधानिक' बताया। सिद्धारमैया ने कहा, राज्यपाल का 104 सीटें जीतने वाली भाजपा से सरकार बनाने के लिए कहना यह दर्शाता है कि वह भाजपा और इसके नेताओं से मिले हुए हैं। कांग्रेस नेताओं ने विश्वास जाहिर किया उनकी पार्टी के विधायक और जेडी(एस) के विधायक शनिवार को शाम चार बजे विश्वास मत प्रस्ताव के दौरान समर्थन देंगे। शीर्ष अदालत का यह फैसला येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के एक दिन बाद आया है।
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