नई दिल्ली,१५ मई (जे.सुनील/वीएनआई)राष्ट्रपति चुनाव की तेज होती सरगर्मियो के बीच केन्द्र मे सत्तारूढ एनडीए अपनी पसंद का राष्ट्रपति बनाने के लिये अपना बहुमत का ऑकड़ा की तरफ तेजी से कदम बढा रही है. इसी क्रम मे ऐसी खबरे है किउत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ और गोवा के मुख्य मंत्री मनोहर पर्रिकर ने मुख्यमंत्री बनने बाद राष्ट्रीय राजनीति छोड़ देने के बाद संभवत: अपनी संसदीय सीट से इस्तीफा राष्ट्रपति चुनाव में वोट डालने के बाद ही देंगे. राष्ट्रपति चुनाव के लिए एक-एक वोट महत्वपूर्ण है जहां विपक्षी दल एक साझा उम्मीदवार तय करने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं, वहीं भाजपा के सूत्रों के अनुसार पार्टी चाहती है कि दोनों नेता राष्ट्रपति चुनाव में वोट देने के बाद लोकसभा से अपना इस्तीफा दें. उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी राष्ट्रपति चुनाव के बाद लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा देंगे. उत्तर प्रदेश और गोवा के मुख्यमंत्रियों के साथ मौर्य को भी शपथ लेने के छह महीने के अंदर अपने राज्य की विधायिका में चुनकर आना होगा. उनके पास इस लिहाज से अभी काफी समय है जहां राष्ट्रपति चुनाव जुलाई में होने हैं. वे लोकसभा की सदस्यता त्यागने के बाद ही राज्य विधानसभा के लिए चुनाव लड़ सकते हैं.
इन खबरो के बाद कि जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआरसीपी के सत्तारूढ़ गठबंधन को अपनी पार्टी का समर्थन देने के ऐलान के बाद राजग राष्ट्रपति चुनाव के लिए भी इलेक्टोरल कॉलेज में बहुमत के आंकड़े से आगे निकल गया है. तेलंगाना में सत्तारूढ़ टीआरएस ने भी संकेत दिया था कि वह राजग का समर्थन करेगी. भाजपा को तमिलनाडु की अन्नाद्रमुक के दोनों धड़ों का समर्थन मिलने की भी उम्मीद है. हालांकि भाजपा को अपनी सहयोगी शिवसेना को लेकर विचार करना पड़ सकता है जिसने पिछले दो राष्ट्रपति चुनावों में भाजपा का साथ नहीं दिया.
वर्तमान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल इस वर्ष जुलाई में पूरा हो रहा है. इसी माह नये राष्ट्रपति के लिए चुनाव होगा. पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के परिणाम ने भाजपा को बहुमत के करीब ला दिया है. इससे साफ है कि अगला राष्ट्रपति भाजपा की पसंद का ही होगा. राष्ट्रपति पद के लिए 10,98,882 मतों की वैल्यू होती है. इसमें चुनाव जीतने के लिए 5.49 वोट चाहिए. बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के पास 4.57 लाख वोट हैं. अगर पूरा तीसरा मोर्चा भी एक हो जाता है तो भाजपा के बराबर वोट नहीं ला पायेगा. इसलिए यह तय है कि भाजपा अगला राष्ट्रपति अपनी पसंद का बनायेगी.
पर्रिकर ने 14 मार्च को गोवा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी वहीं आदित्यनाथ और मौर्य ने 19 मार्च को क्रमश: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के रूप में कमान संभाली थी. राष्ट्रपति चुनाव जुलाई में होने हैं और उपराष्ट्रपति के लिए चुनाव अगस्त में होगा. उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल स्पष्ट तौर पर भाजपा नीत राजग के पक्ष में है जहां लोकसभा और राज्यसभा के कुल 787 सदस्यों में से 418 सदस्य गठबंधन के हैं.