गुवाहाटी, 09 फरवरी, (वीएनआई) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम में चांगसारी के अमीनगांव में नागरिकता संशोधन बिल और एनआरसी को जरूरी बताते हुए कांग्रेस और विपक्षी दलों पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया।
प्रधानमंत्री मोदी ने रैली में कहा कि हमें भारत के संसाधनों पर कब्जा करने के इरादे घुसने वाले और अत्याचार के कारण अपना घर बार छोड़ने पर मजबूर लोगों का फर्क समझना चाहिए। प्रधानमंत्री ने नागरिकता बिल पर कहा,'यह सिर्फ असम और नॉर्थ-ईस्ट के लिए नहीं है, बल्कि देश के अनेक हिस्सों में मां भारती पर आस्था रखने वाले, भारत माता की जय बोलने वाली ऐसी संतानों के लिए है जिनको अपनी जान बचाकर मां भारती की गोद में आना पड़ा है। चाहे वे पाकिस्तान से आएं हों या अफगानिस्तान से। 1947 से पहले वे सभी भारत का हिस्सा थे, आस्था के आधार पर देश का विभाजन हुआ तो उन देशों के अल्पसंख्यक, हिंदू, जैन, सिख, पारसी, ईसाई ऐसे लोग वहां रह गए थे। उनके साथ जो हुआ, उनसे मिलोगे तो पता चलेगा।
मोदी ने आगे कहा, उनको सरंक्षण देना हिंदुस्तान का कर्तव्य है। मैं नॉर्थ-ईस्ट के लोगों को भरोसा देता हूं कि इससे असम और उत्तर-पूर्व के लोगों को कोई क्षति नहीं होने दूंगा। बिना जांच और राज्य की सिफारिश के नागरिकता देने का सवाल ही नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत सरकार सिटिजनशिप बिल के अलावा असम समझौते में में निहित 6 समुदायों को जनजाति का दर्जा देने पर काम भी कर रही है। साथ ही उन्होंने असम से भारत रत्न विजेता भूपेन हजारिका और गोपीनाथ बारदोलोई को दशकों तक सम्मान न मिलने पर कांग्रेस पर अप्रत्यक्ष रूप से हमला बोला।
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