नई दिल्ली, 21 नवंबर, (वीएनआई) कृषि मंत्रालय ने नोटबंदी के दो साल बाद भी जारी बहस के बीच स्वीकार किया है कि नकदी की कमी ने खेती को बहुत प्रभावित किया।
गौरतलब है मोदी सरकार बार-बार नोटबंदी को लेकर इसके फायदे गिनाती रहती है तो विपक्षी दल इसे आर्थिक आपदा बताकर सरकार को घेरते रहे हैं। वहीं एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कृषि मंत्रालय ने संसद की स्थायी समिति को भेजी रिपोर्ट में यह बात स्वीकार की है कि नोटबंदी के कारण किसानों को नुकसान पहुंचा। मंत्रालय ने ये भी स्वीकार किया है कि नोटबंदी के कारण ही 1 लाख 68 हजार क्विंटल गेंहूं के बीज नहीं बिक पाए। कैश की कमी के कारण ग्रामीण इलाकों में किसान, खाद-बीज नहीं खरीद सके और किसानों को बहुत नुकसान झेलना पड़ा। जबकि बिगड़ती स्थिति देखकर ही केंद्र सरकार ने बीज खरीदने के लिए पुराने नोटों के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी थी लेकिन इसका कोई बड़ा लाभ किसानों को नहीं मिल पाया।
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