नई दिल्ली/टोकियो, 13 मार्च, (वीएनआई) वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से परेशान दुनिया को निजात दिलाने के लिए क्वाड की हुए बैठक में लिए गए कई अहम फैसले में भारत एशिया में 2022 तक एक अरब वैक्सीन बांटेगा।
भारतीय विदेश सचिव ने कहा कि वैक्सीन उत्पादन, प्रोडक्शन, डिस्ट्रीब्यूशन को लेकर क्वाड की बैठक में फैसले लिए गये हैं। क्वाड की बैठक में चारों देश ने तय किया है कि चीन की वैक्सीन डिप्लोनमेसी के खिलाफ क्वाड देशों ने एशियाई देशों तक वैक्सीन पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। साउथ इस्ट एशियाई देशों के अलावा विश्व के उन देशों में भी वैक्सीन की सप्लाई की जाएगी जो जरूरतमंद होंगे। भारत की तरफ से कहा गया है कि जल्द से जल्द हर शख्स तक वैक्सीन पहुंचा देने से कोरोना वैक्सीन से निजात पाने में मदद मिलेगी और महामारी के बाद उपजे हालात से जूझने में कम वक्त लगेगा। अमेरिका में निर्मित जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन का भारत में उत्पादन किया जाएगा जिसमें आर्थिक मदद अमेरिका करेगा। चारों देश वैक्सीन निर्माण से लेकर सप्लाई तक काम सामूहिक तौर पर करेंगे। वहीं इंडो पैसिफिक रीजन में 38 देश हैं।
गौरतलब है क्वाड देशों की हुई बैठक में फैसला लिया गया कि अमेरिकी वैक्सीन जॉनसन एंड जॉनसन का उत्पादन भारत में करने का फैसला लिया गया है। वहीं, एक साल के अंदर एशियाई देशों को वैक्सीन पहुंचाने का भी लक्ष्य क्वाड की बैठक में लिया गया है। बैठक में फैसला लिया गया है कि साल 2022 के अंत तक सभी एशियाई देशों में वैक्सीन पहुंचा दिया जाएगा। बैठक में तय किया गया है कि भारत में वैक्सीन का उत्पादन काफी तेज गति से होता है और चूंकी भारत वैक्सीन का सबसे बड़ा निर्माता भी है, लिहाजा वैक्सीन उत्पादन की जिम्मेदारी भारत को दी गई है। जबकि, वैक्सीन उत्पादन में आने वाले खर्च का वहन अमेरिका करेगा। वहीं, जापान का जापान बैंक ऑफ इंटरनेशनल भी वैक्सीन उत्पादन में आने वाले खर्च में अपनी भागीदारी निभाएगा। जबकि ऑस्ट्रेलिया वैक्सीन उत्पादन से डिस्ट्रीब्यूशन और ट्रेनिंग का काम संभालने का काम करेगा।