बीजिंग,11 मई (वीएनआई) 25 साल पहले चीन में मिले बेबी डायनासोर के जीवाश्म को अब औपचारिक रूप से पंखों वाले डायनासोर की एक नयी प्रजाति के रूप में पहचान मिली है।
हचलिंग, डब बेबी लुइ, डायनासोर घोंसले के अंडे के अंदर पाया गया था। जीवाश्म वैज्ञानिक इसे बिबिलॉंग सिनेसिस कहतें हैं जिसे चाइनीज भाषा में "चाइनीज बेबी ड्रैगन" कहा जाता है।
उनके अनुसार यह पक्षी की तरह दिखने वाले विशालकाय डायनासोर का पहला ज्ञात नमूना है जो ओविरापटोरोसॉर्स के समूह से संबंध रखता है।
हालांकि इस नवजात डायनासौर का जीवाश्म काफी छोटा है, लेकिन पिछले अध्यनों से अनुमान लगाया जा सकता है कि यह 1000 किलोग्राम से अधिक के वजन वाला एक व्यस्क हो सकता था।
शोधकर्ताओं का कहना है कि " चीन, दक्षिण कोरिया, मंगोलिया और उत्तरी अमेरिका में डायनासोर के अंडों की खोज से पता चलता है कि बिबिलॉंग लगभग 1000 लाख साल पहले इस धरती पर पाए जाते होंगे। "
1980 के अंत और 1990 की शुरुआत में चीन के स्थानीय किसानों द्वारा हेनान चट्टान से हजारों की मात्रा में डायनासोर के अंडे एकत्र किये गए थे। इनमें से कुछ को अवैध रूप से निर्यात कर दिया गया था और इसमें यह जीवाश्म भी शामिल था।
जिस फोटोग्राफर ने पहली बार इस नवजात डायनासोर के कंकाल की तस्वीर एक मैगजीन के लिए खींची थी, उसी के कारण इसे "बेबी लुई" नाम से पहचाना जाने लगा। 2013 में यह जीवाश्म वापस चीन लौट आया था जहां अब इसे औपचारिक रूप से पहचाना गया है।
चीन और कनाडा के वैज्ञानिकों ने पहले से ज्ञात डायनासोर प्रजातियों के जीवाश्म से इसकी तुलना की और फिर इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि यह एक नई प्रजाति है।
इस रिसर्च पर टिप्पणी करते हुए, एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के डॉ स्टीव ब्रुसेट ने कहा कि " इन छोटे छोटे भ्रूण के एक तिहाई हिस्सों पर पंखों को देखकर विशालकाय पंखों वाले उस डायनासोर की कल्पना की जा सकती है जो बहुत कुछ एक बड़े पक्षी की तरह दिखता होगा। " उन्होंने आगे कहा " पंखों और चोचों के साथ वे बेहद विचित्र थे लेकिन उनके दांत नहीं थे"