नई दिल्ली, 20 फरवरी (वीएनआई) सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुल अजीज अल सऊद का आज सुबह राष्ट्रपति भवन में परम्परागत ढंग से स्वागत किया गया.्वे भारत की दो दिनों की भारत यात्रा पर कल रात पहुंचे जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रोटोकॉल से अलग हटकर हवाईअड्डे पर उनकी आगवानी की. युवराज की यह भारत की पहली द्विपक्षीय यात्रा हैं.
आज दोनों पक्षोंके बीच प्रतिनिधि स्तर की वार्ता मे उभपक्षीय संबंधो में सहयोग के पॉच समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद हैं. इस के अलावा पुलवामा आतंकी हमले की पृष्ठभूमि में पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद का मसला चर्चा का एक प्रमुख मुद्दा रहेगा. ऐसे संकेत हैं कि भारत इस मसले पर जोर दार तरीके से अपनी चिंताये दर्ज करायेगा तथ सउदी सहित विश्व समुदाय से पाकिस्तान की आतंकी हरकतों की वजह से उसे अलग थलग करने का आ ग्रह करेगा. साथ ही चर्चा में दोनों देश रक्षा संबंधों में बढ़ोतरी पर भी चर्चा करेंगे जिसमें संयुक्त नौसेना अभ्यास शामिल है.
इस से पूर्व युवराज पाकिस्तान की यात्रा पर गये थे लेकिन एक दिन के संक्षिप्त दौरे के बाद् वे सऊदी अरब लौट गए थे, उस के बाद अपने देश से ही कल भारत आये. सऊदी अरब के शाहजादे ऐसे समय में भारत की यात्रा पर आ रहे हैं जब कुछ ही दिन पहले पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमला किया था जिसमें 40 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे। विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, सऊदी अरब के शाहजादे मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्लुल अजीज अल , प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निमंत्रण पर भारत आ रहे हैं। भारत का यह उनका पहला सरकारी दौरा है। उनके साथ अधिकारियों और कारोबारियों का एक बड़ा शिष्टमंडल भी है। आज उन की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ उनकी शिष्टमंडल स्तर की बैठक हैदराबाद हाऊस में हो रही हैं। प्रधानमंत्री द्वारा सऊदी अरब के शाहजादे के सम्मान में भोज दिया जायेगा, वह राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात भी करेंगे।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा युवराज के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की होने वाली वार्ता में भारत पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी समूहों के मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाएगा।
विदेश मंत्रालय में आर्थिक मामलों के सचिव टी एस त्रिमूर्ति के अनुसार, सऊदी नेता के दौरे में दोनों पक्षों के बीच निवेश, पर्यटन, आवास और सूचना तथा प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में पांच समझौतों पर दस्तखत होने की उम्मीद है। इस दौरे से भारत-सऊदी द्विपक्षीय संबंधों में नये अध्याय की शुरुआत होगी. वहीं, मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि सऊदी अरब ने पुलवामा में 14 फरवरी को सुरक्षा बलों पर आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की। हम सुरक्षा और आतंकवाद निरोधक मामलों में उनके सहयोग की सराहना करते हैं। इसमें कहा गया है कि सऊदी अरब ने आतंकवाद से जुड़ी हमारी चिंताओं के प्रति गहरी समझ दिखायी है और उसने इस वैश्विक बुराई से निपटने में भारत के साथ मिलकर काम करने पर सहमति जतायी है। बयान में कहा गया है कि रक्षा क्षेत्र में दोनों देशों का सहयोग संबंधों का एक महत्वपूर्ण आयाम है। दोनों देश संयुक्त उत्पादन और संयुक्त अभ्यास खास तौर पर संयुक्त नौसेना अभ्यास की संभावना तलाश रहे है । इसमें कहा गया है कि दोनों देश मंत्रालय स्तर पर ‘सामरिक गठजोड़ परिषद’ स्थापित करने को अंतिम रूप दे रहे हैं जिससे सामरिक संबंधों को गति देने में मदद मिलेगी । भारत और सऊदी अरब का द्विपक्षीय कारोबार साल 2017-18 में 27.48 अरब डालर रहा है। सऊदी अरब, भारत का चौथा सबसे बड़ा कारोबारी सहयोगी है। सऊदी अरब ऊर्जा सुरक्षा के क्षेत्र में भारत के लिये एक महत्वपूर्ण स्रोत है जो कच्चे तेल के संबंध में 17 प्रतिशत और एनपीजी के संबंध में 32 प्रतिशत जरूरतों की आपूर्ति करता है। दोनों देश खाद्य सुरक्षा, आधारभूत ढांचा, नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्वरक जैसे क्षेत्रों में संयुक्त गठजोड़ बढ़ाने को इच्छुक हैं।्वी एन आई