मुंबर्इ,26सितंबर(वीएनआई) था तो वह गरीब परिवार का ऑटो ड्रायवर... लेकिन हसरत थी जमीन से सीधे आकाश मे उड़ने की. मुंबर्इ मे कभी ऑटो चलाने वाले श्रीकांत पंतवाने आज एक निजी विमान कंपनी मे पायलट है.उसकी कहानी है एक सपने को पूरा करने के जनून् की.
सिक्योरिटी गार्ड के बेटे श्रीकांत ने अपनी स्कूली पढ़ार्इ के दौरान डिलिवरी ब्वॉय का काम भी किया। एक वक्त था, जब उनके आर्थिक तौर पर परिवार की स्थिति काफी खराब हो गर्इ। उस वक्त श्रीकांत को स्कूल और काम में से किसी एक को चुनना पड़ा। श्रीकांत ने परिवार की आर्थिक स्थिति को बेहतर करने के लिए एक ऑटो खरीदा। उसे उम्मीद थी कि वह इससे अच्छे पैसे कमा लेगा आैर परिवार की सारी परेशानियां दूर हो जाएगी। इसी दौरान श्रीकांत की मुलाकात एक ऐसे व्यक्ति से हुई जो एयरपोर्ट पर काम करता था। वहां उसने सफेद कलर के ड्रेस में एक आदमी को देखा तो उसने अपने दोस्त से इसके बारे में जानकारी ली और तब श्रीकांत को पहली बार पता चला कि कोई व्यक्ति एयर फोर्स में ना होकर भी विमान पायलट बन सकता है।
उसी दौरान बाहर एक चायवाले से बातचीत में श्रीकांत को पता चला कि डीजीसीए में पायलट स्कॉलरशिप की एक योजना निकली है। ये सुनते ही श्रीकांत ने निश्चय कर लिया कि उसे एक कॉमर्शियल पायलट बनना है। मध्यप्रदेश में श्रीकांत ने फ्लाइट स्कूल भी ज्वॉइन कर लिया। हालांकि उस वक्त श्रीकांत के सामने जो सबसे बड़ा चैलेंज था वो था इंग्लिश भाषा इस चुनौती को उसने स्वीकार किया आैर अंग्रेजी सीखी। फ्लाइंग की परीक्षा को पास करने के बाद अपने परिवार और खुद की मदद करने के लिए श्रीकांत ने एक कंपनी में एक्जिक्यूटिव की नौकरी की, लेकिन उसने कभी भी उम्मीद का दामन नहीं छोड़ा।
पिछले साल ही श्रीकांत को निजी विमान कंपनी इंडिगो एयरलाइंस की तरफ से उनके पायलटों की सेना में फर्स्ट ऑफिसर के रुप में ज्वॉइन किया है यानि अब वह विमान का सह चालक है। श्रीकांत का सफर बताता है कि बड़े बड़ी सपने देखिए आैर उन्हें पूरा करने के लिए जुट जाइए। सफलता आपके कदम जरूर चूमेगी। वी एन आई