नई दिल्ली 11 नवम्बर (वीएनआई)-एनसीआर में हाल ही में हुए एक सर्वेक्षण में यह पता चला है कि पिछले तीन हफ्तों में 40 प्रतिशत परिवारों ने प्रदूषण से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं के लिए डॉक्टर या अस्पताल से सलाह ली है। यह चिंताजनक आंकड़ा यह दर्शाता है कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता सुधारने और निवासियों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए तत्काल प्रभावी उपायों की आवश्यकता है।
सर्वेक्षण में भाग लेने वाले लगभग आधे परिवारों ने बताया कि उन्होंने प्रदूषण से संबंधित बीमारियों के लिए दवाइयां या उपकरण खरीदे हैं। इस अध्ययन के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर के निवासियों के लिए प्रदूषण स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता जा रहा है, और उन्हें इससे निपटने के लिए उपाय अपनाने पड़ रहे हैं।
इस सर्वेक्षण के परिणाम उस दिन सामने आए जब दिल्ली की वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज की गई थी, जैसा कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों में बताया गया। सर्वेक्षण में यह भी सामने आया कि दीपावली के समय दिल्ली और आसपास के शहरों में रहने वाले लोग प्रदूषण से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं।
लोकल सर्कल्स, एक सामुदायिक सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म, द्वारा किए गए इस सर्वेक्षण में यह जानने की कोशिश की गई कि दिल्ली-एनसीआर के लोग किस तरह से प्रदूषण से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं से निपट रहे हैं और क्या उन्होंने डॉक्टर या अस्पताल का दौरा किया है या दवाइयां खरीदी हैं।
इससे पहले अक्टूबर में लोकल सर्कल्स द्वारा किए गए एक अध्ययन में यह भी सामने आया था कि दिल्ली-एनसीआर के 30 प्रतिशत निवासी प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे थे।
इस बीच, भारतीय सर्वोच्च न्यायालय ने भी आज यह टिप्पणी की कि स्वास्थ्य का अधिकार नागरिकों का मौलिक अधिकार है और कोई भी धर्म प्रदूषण को बढ़ावा नहीं देता।
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