नई दिल्ली 21अप्रैल (वीएनआई )देश में इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए कई कंपनियां और सरकारी संस्थाएं मिलकर काम कर रही हैं। लेकिन हाल ही में आई एक खबर ने इस क्षेत्र में चिंता बढ़ा दी है।
मीडिया ्मे छप रही खबरों के अनुसार पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पीएफसी) और भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (Indian Renewable Energy Development Agency (IREDA) नाम की दो सरकारी कंपनियां अब जेन्सोल (Gensol Engineering) द्वारा खरीदी गई 5,000 से ज़्यादा इलेक्ट्रिक गाड़ियों की नीलामी करने पर विचार कर रही हैं। इन गाड़ियों को खरीदने के लिए जेन्सोल को करीब 663 करोड़ रुपये का लोन दिया गया था। बाद में जेन्सोल (Genso)l ने ये गाड़ियाँ ्ब्लू स्मार्ट (BluSmart )नाम की कैब सेवा कंपनी को लीज़ पर दी थीं।
आपको बता दें कि ्ब्लू स्मार्ट ने 17 अप्रैल से अपना कामकाज बंद कर दिया है, जिससे लीज़ की किश्तें आनी बंद हो गई हैं, अब समस्या यह है कि सयद Gensol लोन का भुगतान नहीं कर पाएगी और उसका खाता डिफॉल्ट यानी NPA हो सकता है।
जेन्सोल और ्ब्लू स्मार्टदोनों के मालिक अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी हैं। इन पर शेयर बाज़ार से जुड़े नियम तोड़ने और पैसों के गलत इस्तेमाल के आरोप लगे हैं। SEBI ने दोनों पर बाज़ार में कारोबार करने पर रोक लगा दी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से अगर जेन्सोल लोन नहीं चुका पाई, तो PFC और IREDA इन गाड़ियों को नीलाम कर सकती हैं। फिलहाल दोनों संस्थाएं जेन्सोल द्वारा बनाए गए एक रिज़र्व फंड से काम चला रही हैं, लेकिन वो फंड भी जल्दी खत्म हो सकता है।
गौरतलब है कि मार्च में ही रेटिंग एजेंसियों ने जेन्सोल की कर्ज़ रेटिंग को 'D' यानी डिफॉल्ट घोषित कर दिया था, क्योंकि कंपनी समय पर भुगतान नहीं कर रही थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कंपनी के मालिकों की हालत भी ठीक नहीं लग रही। ताज़ा जानकारी के अनुसार, वे जेन्सोल में 62.65% हिस्सेदारी रखते हैं, लेकिन उसमें से 81.6% शेयर उन्होंने गिरवी रखे हुए हैं।
हलांकि इस मामले में अभी तक जेन्सोल और ्ब्लू स्मार्ट या किसी सरकारी संस्था की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
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