गीतकार अनजान के जन्मदिन पर

By Shobhna Jain | Posted on 28th Oct 2018 | मनोरंजन
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अंजान (अंग्रेज़ीAnjaan ; जन्म- 28 अक्टूबर1930बनारसउत्तर प्रदेश; मृत्यु- 13 सितम्बर1997) भारतीय हिन्दी फ़िल्मों के मशहूर गीतकार तथा अपने समय के ख्याति प्राप्त शायर थे। इनका वास्तविक नाम 'लालजी पाण्डेय' था। अंजान के लिखे हुए गीत आज भी लोगों की जुबां पर चढ़े हुए हैं। 'खइके पान बनारस वाला', 'ओ साथी रे तेरे बिना भी क्या जीना' और 'रोते हुए आते हैं सब' जैसे न जाने कितने ही सदाबहार गीत अंजान ने लिखे और प्रसिद्धि की ऊँचाईयों को छुआ। अमिताभ बच्चन पर फ़िल्माये गए उनके गीत काफ़ी लोकप्रियता हासिल करते थे। अंजान के पसंदीदा संगीतकार के तौर पर कल्याणजी-आनंदजी का नाम सबसे ऊपर आता है। इनके संगीत निर्देशन में अंजान के गीतों को नई पहचान मिली थी। अंजान साहब के पुत्र समीर भी पिता के समान ही प्रसिद्ध गीतकार हैं

शेरो-शायरी के अपने शौक को पूरा करने के लिए अंजान बनारस में आयोजित सभी कवि सम्मेलनों और मुशायरों में हिस्सा लिया करते थे। हालांकि मुशायरों में वह उर्दू का इस्तेमाल कम ही किया करते थे। जहां हिन्दी फ़िल्मों में उर्दू का इस्तेमाल एक पैशन की तरह किया जाता था, वही अंजान अपने रचित गीतों में हिन्दी पर ही अधिक जोर दिया करते थे।

 

 

 


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