एक दार्शनिक संत के आभामंडल से दैदीप्यमान अनूठा प्रतिभा समारोह

By Shobhna Jain | Posted on 8th Oct 2019 | VNI स्पेशल
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उज्जैन, 8 अक्टूबर (वीएनआई) यह एक अनूठा प्रतिभा सम्मान समारोह था...भरी दोपहरी,सूरज के  तेज प्रकाश के साथ साथ बादलों की ऑख मिचोली के बीच रिम झिम फुहारों की नटखट शैतानियॉ भी जारी थी और इस माहौल मे यहा जुटी थी विलक्षण प्रतिभाये... तप संयम और अनुशासन के माहौल में..सब कुछ अनूठा, कुछ पर्दे के पीछे तो कुछ पर्दे के सामने चुपचाप मनोयोग से कार्य करते कार्यकर्ता  जो इस कार्यक्रम  को सफल बनाने में जुटे थे. यह समारोह था तपस्वी संत आचार्य श्री विद्यासागर जी के आशीर्वाद एवं दार्शनिक अध्येता संत मुनिश्री क्षमासागर जी की प्ररेणा से  आयोजित राष्ट्रीय  यंग जैन अवार्ड समारोह, जिस में देश के विभिन्न राज्यों से आईं होनहार जैन छात्र प्रतिभाओं का अनूठा तथा आत्मीय सम्मान किया गया. साथ ही उन्हें एक अच्छा नागरिक बनने नैतिक मूल्यो वाले समावेशी जीवन जीने की सीख देते हुए इस आशय का संकल्प भी दिलाया गया.मुनिश्री का भले ही देवलोक गमन हो गया लेकिन उन के बताये हुए मूल्यों और दिये गये संस्कारों से  माहौल  चंदन  सा महक रहा थे.  डॉ रेनु जैन कुलपति, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर एवं न्यूज़ एजेंसी वीएनआई की प्रधान संपादक तथा अंतर्राष्ट्रीय मामलों की जानीमानी कॉलमनिस्ट  सुश्री शोभना जैन ने मुख्य अतिथि के रूप इन प्रतिभाशाली छात्रों को सम्मानित किया.

उज्जैन स्थित प्रसिद्ध जैन तीर्थक्षेत्र तपोभूमि में "मैत्री समूह" के तत्वावधान में आयोजित वर्तमान के सर्वाधिक चर्चित इस  प्रतिभा सम्मान" हेतु देशभर से  प्रतिभाओं की सैकड़ों प्रविष्टियां प्राप्त हुई थीं,जिनमें से उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली 160 प्रतिभाओं को आत्मीयता एवं गरिमा के साथ सम्मानित किया गया। इन में अनेक विद्यार्थी ऐसे हैं जिन्होंने अपनी बोर्ड क्लास में शत-प्रतिशत अंक पाए हैं।

  ज्ञातत्व हैं कि मैत्री समूह के गठन का यह 18वॉ वर्ष हैं, वर्ष 2001 में मुनिश्री ने मध्यप्रदेश में इस समूह की स्थापना की जो आह एक विशाल संगठन का रूप ले चुका है. अब तक कुल 14000 से अधिक युवा प्रतिभायें यंग जैना एवार्ड से सम्मानित हो चुके हैं और समाज में महत्व पूर्ण पदों पर रहते हुए आर्दश जीवन मूल्यों का संचार के कार्य में भी जुटे है. समारोह में इस वर्ष देश भर से आये पुरस्कृत प्रतिभाओं के साथ बड़ी तादाद मे  देश के कोने कोने के साथ विदेश से भी आये पूर्व पुरस्कृत ्प्रतिभायें एक कार्यकर्ता की भूमिका निभाने आये.  दो दिवसीय यह समारोह ्पूरी तरह से जीवन में आदर्श जीवन मूल्यों को अपनाने के लिये समर्पित था जहा आज की भाग दौड़ मे दुनियादारी निभाते हुए मन का एक कोना इन जीवन मूल्यों के प्रसार के लिये रखे जाने की सीख दी जाती हैं और इस दिशा में प्रयास रत रहने का आहवान किया जाता हैं.      
 
         देश भर से आईं प्रतिभाओं के सम्मान का मुख्य आयोजन  दोपहर  डॉ रेनु जैन कुलपति तथा प्रसिद्ध पत्रकार सुश्री शोभना जैन  दिल्ली के मुख्य आतिथ्य में हुआ.समारोह  अपनी गरिमापूर्ण भव्यता, अनुशासन, प्रबंधन  से अनूठा बन गया.समारोह में यंग आर्केस्ट्रा झांसी की  मंगलाचण की  प्रस्तुति के बाद  मुख्यतिथिद्वय ने आचार्यश्री विद्यासागर जी,मुनिश्री क्षमासागर जी एवं मुनिश्री प्रज्ञासागर जी के चित्रों का अनावरण एवं दीप प्रज्जवन किया।इसके बाद कक्षा 10 वीं एवं आर्ट,कॉमर्स एवं साइंस विषय की 12 वीं कक्षा में उत्कृष्ट अंक प्राप्त करने वाले कार्यक्रम में  तालियों की गड़गड़ाहट  के बीच अत्यंत भावभीना सम्मान किया गया।इस अवसर पर श्री अनुकूल मेहता को  गोसेवा एवं शुद्ध दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में मैत्री स्कॉलर पुरस्कार से नवाजा गया।साथ ही दो दिनों तक अनुशासित एवं व्यवस्थित दिनचर्या का पालन करने वाले समिति द्वारा चयनित पुरस्कृत प्रतिभाओं का सम्मान अतिथियों ने किया।


समारोह मे अनुशासन और समरसता के  प्रतीक स्वरूप सभी पुरस्कृत छात्रों ने  एक-से रंग की पोषाक पह न रखी थी सम्मानित प्रतिभाओं को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि श्रीमती डॉ रेनु जैन ने कहा कि विद्यार्थियों को तकदीर के भरोसे नही बैठना चाहिए, पुरुषार्थ के साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पाने के साथ-साथ अपने धर्म और संस्कार को न भूलें। सुश्री शोभना जैन ने कहा कि हमे खुद तो पढना ही है, ईच वन, टीच वन के विचार के साथ आसपास के गरीब बच्चे को जरूर पढ़ाएं, साथ ही उन्होंने कहा कि जीयों और जीने दो जैन धर्म का मूल मंत्र हैं, युवाओं को समाज मे इस भावना को कार्य रूप देते हुए  समाज मे सहिष्णुता के प्रसार के लिये विशेष प्रयास करने चाहिये ।

कल मुख्य समरोह वाले दिन  भोर में देश के कोने कोने से आए इन मेधावी छात्रों,उनके परिजनों एवं मैत्री समूह के सदस्यों ने संगीत मंडली के साथ भजन गाते हए मंदिर परिसर में आकर्षक प्रभात फेरी निकाली,योग किया और फिर बड़े मंदिर में श्री जी का पूजन अभिषेक किया।  पहले सत्र की शुरुआत प्रात मंगलाचरण तथा पूज्य मुनिश्री के आडियो प्रवचन सुनाने के साथ हुई। इस अवसर पर मैत्री समूह की सदस्य सुरभि पंड्या ,न्यू यॉर्क द्वारा संपादित जैनिज्म रीडर "चौथा  कदम" का विमोचन श्री विकास छाबड़ा, श्रीमती राजश्री जैन आदि ने किया। कार्यक्रम में श्री विकास छाबड़ा एवं श्री प्रकाश छाबड़ा का सम्मान देश- विदेश में  जैन धर्म के वैज्ञानिक विवेचन व प्रचार के  लिए किया गया। 

समापन समारोह में  मैत्री समूह के वरिष्ठ सदस्य श्री वाई के जैन ने समूह की तरफ से अवार्डियों को समाज में समरसता लाने, जीवन में कभी व्यसन न करने का संकल्प  भी पढवाया और उन से इस आश्य का संकल्प पत्र  भी भराया गया। अंत में पूज्य मुनिश्री के प्रवचन ्हुए उन की स्नेहिल आवाज  में जीवन के अमोल्य जीवन मंत्र की सीख से उपस्थित जन समूह भावूक हो उठा. यंग जैना अवार्ड 2019 का समारोह का समापन जय जिनेन्द्र समूह गान के साथ अगले वर्ष मिलने के वायदे के साथ सोल्लास समापन हुआ। दृष्टिहीन, असाधारण प्रतिभा के धनी इस वर्ष के पुरस्कृत छात्र ईशान जैन दौसा, राजस्थान  ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए एक मधुर गीत सुनाया।विदाई की वेला में अनेक अवार्डी ओर मैत्री समूह के सदस्य बिछुड़ते हुए भावुक हो उठे। श्री राजेश बड़कुल व डॉ सुमति प्रकाश जैन छतरपुर एवं श्रीमती आभा जैन डिप्टी कमिश्नर वाणिज्यकर, जबलपुर ने अपनी काव्यमय  प्रस्तुति के साथ सभा के सफल, कुशल संचालन से उपस्थित जन समूह को बॉधे रखा. वीएनआई


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