नई दिल्ली,८ अक्टूबर (शोभनाजैन/वीएनआई) भारत की मेधा मिश्रा कल भारत स्थित कनाडा के उच्चायुक्त नादिर पटेल के स्थान पर भारत की उच्चायुक्त बनी .दरअसल जयपुर की 20 साल की इंजीनियरिंग की छात्रा मेधा मिश्रा एक प्रतियोगिता मे विजयी बन एक दिन के लिए भारत में कनाडा की उच्चायुक्त बनी,और इस मौके पर आयोजित
लैंगिक समानता, महिला नेतृत्व, महिला अधिकारो विषय पर उन्होने दूसरे देशों के शीर्ष राजनयिकों के साथ चर्चा की और भारत स्थित कनाडा के उपउच्चायुक्त जेस डुटॉन समारोह मे कनाडा के नागरिक बतौर बैठ कर 'सहयोगी' मेधा का हौसला बढाया.
मेधा को ये अवसर कनाडा उच्चायोग द्वारा आयोजित की गयी एक वीडियो प्रतियोगिता में जीतकर हासिल हुआ।
इस ईनाम को जीतकर वो कल एक दिन के लिये भारत स्थित कनाडा उच्चायोग की उच्चायुक्त बनी। मेधा ने अपने इस अनुभव को साझा करते हुए कहा कि उन्होंने उन सब बातों का अहसास किया कि एक उच्चायुक्त का दिन कैसा होता है। मेधा ने कहा ' उच्चायुक्त का काम एक मुश्किल काम है।मुझे कुछ राजनयिकों के साथ एक सत्र में हिस्सा लेने का मौका मिला जिसमें मैक्सिको के राजदूत और कनाडा, दक्षिण अफ्रीका एवं ऑस्ट्रेलिया के उप उच्चायुक्त शामिल थे। मैं खुश हूं कि मुझे ऐसा करने का मौका मिला।'
कनाडा उच्चायोग ने लगभग २० देशो के दूतावासो के साथ मिल कर 11 अक्तूबर को मनाए जाने वाले ‘अंतरराष्ट्रीय कन्या दिवस’ के उपलक्ष्य में िस परिचर्चा का आयोजन किया. इस अवसर पर लैंगिक समानता पर उसके लिये दौड़ो' पर एक दौड़ को हरी झंडी दिखायी गई। भारत स्थित कनाडा के उप उच्चायुक्त जेस ड्यूटोन ने इस मौके परकहा " कनाडा भारत सहित अनेक देशो की जनता के साथ मिल कर इस आयोजन से गौरान्वित है.कनाडा का मानना है कि जेंडर समानता मात्र मानवाधिकार का विषय नही बल्कि सतत विकास,समाजिक न्याय, शांति और सुरक्षा का अहम हिस्सा है.
इस परिचर्चा मे अमरीका के राजदूत रिचर्ड वर्मा सहित मेक्सिको,फिनलेंड,दक्षिण अफ्रीका, आस्ट्रेलिया अदि देशो के शीर्ष राजनयिक मौजूद थे
मेधा ने जिस प्रतियोगिता को जीतकर यह मौका हासिल किया उसमें देश भर की महिलाओं को एक वीडियो में बताना था कि ‘लड़कियों के अधिकार क्यों महत्व रखते हैं और बेहतर लैंगिक समानता हासिल करने के लिए क्या किया जा सकता है।’वी एन आई