आम बजट 2017-नोटबंदी से अर्थव्यवस्था को लगे झट्के के बाद बजट हमे और आपको करो मे दे सकता है कुछ राहत

By Shobhna Jain | Posted on 31st Jan 2017 | VNI स्पेशल
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नई दिल्ली,31 जनवरी (वी एन आई)नोटबंदी से अर्थव्यवस्था को लगे झट्के के बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली कल अपना चौथा आम बजट पेश करेंगे. इस बार का बजट ऐसे माहौल मे आ रहा है जिसमे आज सरकार ने आर्थिक सर्वे में भी स्वीकार किया है नोटबंदी से अर्थव्यवस्था को कुछ झटका लगा है. ऐसे में जेटली बजट में कुछ कर राहत दे सकते हैं जिससे अर्थव्यवस्था को रफ्तार मिल सके. इसके अलावा 93 साल में यह पहला मौका होगा जब रेल बजट आम बजट का हिस्सा है. यह भी पहली बार हो रहा है कि आम बजट 28 या 29 फरवरी की बजाय 1 फरवरी को पेश किया जा रहा है. ऐसा लगता है कि बजट में आयकर में छूट 2.5 लाख से बढ़कर तीन लाख रुपए सालाना करके जेटली राहत दे सकते हैं. 80सी के तहत फिलहाल 1.5 लाख रुपए और नेशनल पेंशन स्कीम के अंतर्गत 2 लाख रुपए की छूट मिलती है. यह सीमा बढ़ाकर 80सी के तहत 2 लाख और एनपीएस के अंतर्गत 2.5 लाख रुपए की जा सकती है. होम लोन की ब्याज पर अभी 2 लाख रुपये की छूट मिलती है. इसे बढ़ाकर 2.5 लाख रुपए किया जा सकता है. इस तरह अभी 80सी, एनपीएस और होम लोन के इंटरेस्ट को मिलाकर जो 6.5 लाख रुपए सालाना की छूट मिलती है. वह बढ़कर 8 लाख रुपए हो सकती है. अगर ऐसा हो जाता है तो काफी राहत मिलेगी. सरकार चाहती है कि सालाना खर्च से जुड़ी योजनाओं और प्रस्तावों को अगले वित्त वर्ष शुरू होने से काफी पहले संसद की मंजूरी मिल सके. नोटबंदी की मार झेल चुके आमजनों को उम्मीद कि जेटली इस बार आयकर छूट की सीमा को 2.5 लाख से बढ़ाकर तीन लाख रुपये करेंगे. जीएसटी के चलते सेवा कर बढ़ सकता है. आयकर छूट में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है. अगर ऐसा हुआ तो इनकम आठ लाख रुपए तक की इनकम कर मुक्त हो सकती है. 2.5 लाख रुपए तक कोई टैक्स नहीं लगता. 2.5 से 5 लाख रुपए की इनकम पर 10% टैक्स लगता है. 5 से 10 लाख रुपए की इनकम पर 20% टैक्स लगता है. 10 लाख रुपए से ज्यादा की इनकम पर 30% टैक्स लगता है. सभी स्लैब में इनकम टैक्स पर 3% एजुकेशन सेस भी लगता है. 60 से 80 साल की उम्र हो तो 3 लाख रुपए और 80 से ज्यादा उम्र के लोगों को 5 लाख रुपए तक की सालाना इनकम पर कोई टैक्स नहीं देना होता. नोटबंदी में सबसे ज्यादा मार उद्योग क्षेत्र में पड़ी है. ऐसे में सरकार कॉर्पोरेट टैक्स में 2% की कटौती कर सकती है. इससे मौजूदा दर 30% से घटाकर 28% किया जा सकता है. सरकार का टारगेट 2018-19 तक कॉर्पोरेट टैक्स को 25 फीसदी पर लाने का है. हालांकि जानकारों का कहना है कि कॉरपोरेट टैक्स की दर को 30 प्रतिशत से नीचे लाना आसान नहीं होगा क्योंकि सरकार के चालू वित्त वर्ष के सकल घरेलू उत्पाद की 7.1 प्रतिशत की वृद्धि दर के अनुमान में नोटबंदी से पैदा हुए दिक्कतों को शामिल नहीं किया गया है. हाल ही में ट्रेनों के पटरी से उतरने के कई भीषण हादसों का सामना करने वाली रेलवे के लिए 20,000 करोड़ रुपये का सुरक्षा कोष, नयी पटरियां बिछाना, स्टेशनों के पुनर्विकास के साथ-साथ रेल विकास प्राधिकरण और उच्च गति रेल प्राधिकरण का गठन इस साल रेल बजट का हिस्सा हो सकता है. सरकार के सुधार एजेंडा को आगे बढ़ाते हुए जेटली इस बार रेल बजट में बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर दे सकते हैं, जिसमें नयी रेल लाइनों का विकास, लाइनों का दोहरीकरण, स्टेशनों का पुनर्विकास और सुरक्षा उन्नयन शामिल है

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