नई दिल्ली, 11 दिसंबर (वीएनआई) विपक्षी दलों के गठबंधन 'इंडिया' ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है. राज्यसभा के इतिहास में पहली बार सभापति के खिलाफ विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया हैं. विपक्ष का आरोप है कि राज्य सभा के सभापति जगदीप धनखड़ पक्षपातपूर्ण तरीके से सदन की कार्यवाही का संचालन करते हैं. जब कि संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्षी सांसदों पर सभापति के अपमान आरोप लगाया हैंकांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा है, "राज्य सभा के माननीय सभापति के अत्यंत पक्षपातपूर्ण तरीके से उच्च सदन की कार्यवाही का संचालन करने के कारण इंडिया ग्रुप के सभी घटक दलों के पास उनके खिलाफ औपचारिक रूप से अविश्वास प्रस्ताव लाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था." इंडिया गठबंधन के दलों के लिए यह बेहद ही कष्टकारी निर्णय रहा है, लेकिन संसदीय लोकतंत्र के हित में यह अभूतपूर्व कदम उठाना पड़ा है. यह प्रस्ताव अभी राज्यसभा के सेक्रेटरी जनरल को सौंपा गया है."विपक्षी गठबंधन इंडिया के घटक दलों के नेताओं के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह दावा भी किया कि राज्यसभा में गतिरोध का सबसे बड़ा कारण खुद उपराष्ट्रपति धनखड़ हैं. इस प्रेस कॉफ्रेंस मे कॉग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि श्री जगदीश धनकड़ राज्यसभा में सरकार के प्रवक्ता बन गए हैं, वे हेडमास्टर की तरह बर्ताव करते हैं. संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्षी सांसदों पर सभापति के अपमान आरोप लगाया. रोजिजू ने उपराष्ट्रपति का बचाव करते हुयें विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुये कहा "मैं एक बार फिर से स्पष्ट तौर पर कह रहा हूं कि एक बार जब संसद सुचारू तौर पर चल रही है तो कांग्रेस पार्टी ने किस वजह से ड्रामा शुरू किया? ऐसे मास्क और जैकेट पहनकर आने कि क्या ज़रूरत है जिसपर स्लोगन लिखे हुए हों. रिजिजू ने कहा है, "हम यहां देश की सेवा करने के लिए आए हैं, इस तरह का ड्रामा देखने के लिए नहीं आए हैं. जो नोटिस कांग्रेस पार्टी और उसके कुछ सहयोगियों ने दिया है, उसे निश्चित तौर पर नामंज़ूर किया जाना चाहिए और उसे नामंज़ूर किया जाएगा. उन्होंने विपक्षी सांसदों पर सभापति के अपमान आरोप लगाया. रिजिजू ने कहा कि वह नाम लेकर कह सकते हैं कि विपक्षी सांसद टीवी चैनलों और बाहर जाकर उप-राष्ट्रपति का नाम लेकर उनके बारे में बेमतलब की बातें करते हैं. उन्होंने कहा कि यह सीधे तौर पर अध्यक्ष के आसन का अपमान है. ऐसे सदस्यों को सदन में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है. रिजिजू यहीं नहीं रुके और सोनिया गांधी और सोरोस के कनेक्शन का जिक्र भी किया. संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि यह बात वह खुद से नहीं कह रहे. अंतरराष्ट्रीय मीडिया में इस तरह की रिपोर्ट छपी हैं. जिस समय रिजिजू यह कह रहे थे, उस वक्त सोनिया गांधी सदन में ही मौजूद थीं. संसद के शीतकालीन सत्र का आज 12वां दिन था. आज भी लोकसभा में जॉर्ज सोरोस और अडानी मुद्दे को लेकर हंगामा हुआ और सदन की बैठक बिना कोई कामकाज निबटायें स्थगित कर दी गयी. जबकि राज्यसभा में सभापति के खिलाफ लाए जा रहे अविश्वास प्रस्ताव को लेकर जोरदार हंगामा हुआ. जगदीप धनखड़ के खिलाफ लाए जा रहे अविश्वास प्रस्ताव पर इंडिया ब्लॉक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने धनखड़ को सरकार का प्रवक्ता बता दिया है. वो कभी खुद को आर एस एस का एकलव्य बताते हैं, तो कभी सरकार के प्रवक्ता की तरह काम करने लगते हैं." कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "राज्यसभा में व्यवधान का सबसे बड़ा कारण खुद सभापति हैं. उनके आचरण ने देश की गरिमा को बहुत नुकसान पहुंचाया है."खरगे ने कहा कि आज तक किसी उपराष्ट्रपति के खिलाफ अनुच्छेद 67 के तहत प्रस्ताव नहीं लाया गया, क्योंकि वे हमेशा निष्पक्ष रहे और राजनीति से दूर रहे. उन्होंने कहा, "हमको यह कहना पड़ता है कि आज नियम को छोड़कर राजनीति ज्यादा हो रही है."खरगे ने कहा, "आमतौर पर विपक्ष चेयर से प्रोटेक्शन मांगता है. अगर सभापति ही प्रधानमंत्री और सत्ता पक्ष का गुणगान कर रहा हो तो विपक्ष की कौन सुनेगा.-कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा "जब भी विपक्ष सवाल पूछता है तो मंत्रियों से पहले चेयरमैन खुद सरकार की ढाल बनकर खड़े होते हैं. उनके खिलाफ हमारी कोई निजी दुश्मनी, द्वेष या राजनीतिक लड़ाई नहीं है. देश के नागरिकों को हम विनम्रता से बताना चाहते हैं कि हमने सोच-विचार कर संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए मजबूरी में ये कदम उठाया है."राज्यसभा में विपक्ष ने बीते कल सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है. विपक्ष की तरफ से राज्यसभा के सचिव पीसी मोदी को ये नोटिस दिया गया. धनखड़ पर सदन में पक्षपातपूर्ण बर्ताव करने का आरोप है. इस नोटिस पर विपक्ष की तरफ से 60 सांसदों ने साइन किए हैं. हालांकि, इस नोटिस पर कांग्रेस की वरिष्ठ सांसद सोनिया गांधी समेत कुछ पार्टियों के बड़े नेताओं ने साइन नहीं किए. ऐसे में साफ है कि अविश्वास प्रस्ताव से विपक्ष को कुछ हासिल नहीं होने वाला है. विपक्ष के कुछ वरिष्ठ नेताओं के अनुसार उनका मकसद उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को हटाना नहीं है, बल्कि वो सिर्फ पदेन सभापति के पक्षपातपूर्ण रवैये का विरोध जताना चाहते हैं. विपक्षी पार्टियों ने अविश्वास प्रस्ताव में आरोप लगाया है कि उनको बोलने नहीं दिया जाता. चेयरमैन पक्षपात कर रहे हैं. -विपक्षी पार्टियों ने एक दिन पहले का उदाहरण देते हुए कहा है कि सत्तारूढ़ बेंच के सदस्यों को बोलने का मौका दिया गया, लेकिन जब विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे बोल रहे थे, तो उन्हें बीच में रोक दिया गया.-विपक्ष का आरोप है कि सत्ता पक्ष के सांसदों के साथ ऐसा नहीं किया जाता. सभापति सदन में उन्हें बोलने का पर्याप्त समय देते हैं. संसद के मौजूदा सत्र की शुरुआत से ही सदन में भारत के जाने माने कारोबारी गौतम अदानी और सोरेस मुद्दे को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध जारी है. इस सत्र की शुरुआत से ठीक पहले ही गौतम अडानी पर अमेरिका में धोखाधड़ी के आरोप तय किए जाने की खबर आई थी. वीएनआई
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