नई दिल्ली, 20 अक्टूबर, (वीएनआई) भारतीय टीम के स्टार गेंदबाज रहे प्रवीण कुमार ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया है।
प्रवीण ने संन्यास के बाद करियर को लेकर किए गए सवाल पर कहा कि मैं गेंदबाजी का कोच बनना चाहता हूं। लोग जानते हैं कि मैं इस चीज का जानकार हूं। मुझे लगता है कि मैं इसमें दिल से काम करूंगा और बाकी नए युवाओं से अपना अनुभव साझा करूंगा।'
प्रवीण कुमार ने 13 साल के अपने क्रिकेट करियर में खासा नाम कमाया। वह 6 साल से टीम से बाहर चल रहे थे। भारत के लिए प्रवीण कुमार ने आखिरी अपना आखिरी इंटरनेशनल मैच 30 मार्च 2012 को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी-20 मैच खेला था। हालांकि टेस्ट टीम से वह एक साल पहले ही टीम से बाहर हो गए थे। प्रवीण बतौर टेस्ट गेंदबाज ज्याद नाम नहीं कमा पाए। जून में वेस्टइंडीज के खिलाफ डेब्यू टेस्ट खेलने वाले प्रवीण इंग्लैंड के खिलाफ अगस्त में खेली गई सीरीज तक ही टेस्ट टीम में रह पाए। उसके बाद चोट के चलते वह टीम से बाहर हुए और फिर अपनी जगह नहीं बना पाए।
रणजी ट्रॉफी में उत्तर प्रदेश की तरफ से साल 2005-06 में 41 विकेट और 386 रन बनाने वाले प्रवीण कुमार ने नवंबर 2007 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखा। उन्होंने भारत के लिए 68 एकदिवसीय और 6 टेस्ट मैच खेले, जिसमें 77 वनडे और 27 टेस्ट विकेट लिए। उन्हें विश्वकप 2011 की टीम में भी चुना गया था, लेकिन चोट के कारण उन्हें बाहर होना पड़ा।
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