मीराबाई चानू ने कहा एशियाड मिस होने के बाद खेल रत्न मिलने की नहीं थी कोई उम्मीद

By Shobhna Jain | Posted on 18th Sep 2018 | खेल
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नई दिल्ली, 18 सितम्बर, (वीएनआई) देश के सबसे बड़े खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार के लिए वेटलिफ्टर मीराबाई चानू को देने की सिफारिश की गई है। वहीं मीराबाई चानू का कहना है कि एशियाड मिस होने के बाद खेल रत्न मिलने की उन्हें कोई उम्मीद नहीं थी।

गौरतलब है बीते सोमवार को राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार के लिए मीराबाई चानू के साथ-साथ भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली के नाम की सिफारिश भी की गई है। मीराबाई को उम्मीद थी कि एशियाड में हिस्सा न लेने के कारण राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार के लिए उन्हें नहीं चुना जाएगा। हाल में ही संपन्न हुए एशियन गेम्स में अपनी चोट की वजह से वह हिस्सा नहीं ले सकी थी। सोमवार को पुरस्कार की घोषणा के साथ मीराबाई चानू के कोच विजय शर्मा के नाम की भी सिफारिश द्रोणाचार्य अवॉर्ड के लिए की गई है। 

24 वर्षीय मीराबाई ने कहा वह बेहद उत्साहित हैं। साथ ही उन्होंने इसका पूरा श्रेय अपने कोच विजय शर्मा को दिया। उन्होंने कहा कि कोच विजय ने उनके लिए काफी त्याग किए हैं। उन्होंने 'मेरे परिवार और मुझे नहीं लगा था कि एशियाड में हिस्सा न लेने के बाद यह अवॉर्ड मुझे मिलेगा। पिछले 2 दिनों से मेरी मां अवॉर्ड के बारे में जानने के लिए लगातार फोन कर रही थी। उन्होंने मेरे लिए उपवास तक रखा। जब मैनें उन्हें बताया कि मेरे नाम की सिफारिश की जा चुकी है तो उन्हें चैन मिला।' मीराबाई ने आगे कहा इस साल अपनी चोट के कारण वह किसी टूर्नमेंट में हिस्सा नहीं लेंगी और साल 2019 ओलिंपिक खेलों की शुरुआत होगी और 2020 तोक्यो गेम्स की इसलिए वह कोई चांस नहीं लेना चाहती। ओलिंपिक मेडल जीतना उनका एकमात्र लक्ष्य है।


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