लखनऊ, 14 जुलाई (वीएनआई)| उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में सदन के भीतर मिले शक्तिशाली विस्फोटक को आतंकवादी साजिश का हिस्सा करार देते हुए कहा कि इसकी जांच नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए) से कराई जाएगी।
विधानसभा में शक्तिशाली विस्फोटक पीईटीएन पहुंचा कैसे, यह बड़ा सवाल है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस संबंध में यूपी पुलिस से रिपोर्ट तलब की है। कार्यवाही शुरू होते ही मुख्यमंत्री ने कहा कि सदन में खतरनाक विस्फोटक मिलना बड़ी आतंकवादी साजिश का हिस्सा है। इसका हर हाल में खुलासा होना ही चाहिए। विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने सदन में मिले विस्फोटक की जांच एनआईए से कराने की घोषणा की है। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेता सदन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सुनने के बाद दीक्षित ने कहा कि विस्फोटक को सदन के अंदर लाने, रखने और साजिश आदि की जांच एनआईए से होनी ही चाहिए। उन्होंने इसे सुरक्षा में एक चुनौती मानते हुए सभी से एकजुट होकर सहयोग देने की अपील की।दीक्षित ने कहा, "सदन एक परिवार की तरह है। परिवार की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है, इससे निबटने में सबको सहयोग देना होगा। उन्होंने सदस्यों से आग्रह किया कि वे सदन में मोबाइल फोन लेकर न आएं। विधान भवन की सुरक्षा के संबंध में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि विधायकों के साथ अब बिना पास के कोई प्रवेश नहीं कर सके। विधानभवन के सभी गेट पर होलबॉडी स्कैनर लगाए जाएंगे। आतंकवादी निरोधक दस्ते (एटीएस) की तैनाती विधान भवन के अंदर की जाए और विधान भवन कर्मियों का पुलिस वेरीफिकेशन कराया जाए।
योगी ने कहा, यह मामला 22 करोड़ लोगों की सुरक्षा से जुड़ा है। इसका खुलासा होना ही चाहिए। इसमें सभी सदस्य सहयोग करेंगे। योगी ने कहा कि सुरक्षा सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। इसमें सबका सहयोग जरूरी है। सफाईकर्मियों को मिला पाउडर पहले लगा कि कोई सामान्य रसायन है, लेकिन जांच के बाद मिले लैब की रिपोर्ट से पता चला कि यह शक्तिशाली विस्फोटक पीईटीएन है। उन्होंने कहा, "पीईटीएन की मात्रा तो केवल 150 ग्राम थी, लेकिन इसके विस्फोट से बड़ा नुकसान हो सकता था। पूरे विधानभवन को उड़ाने के लिए इस विस्फोटक का 500 ग्राम काफी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सवाल यह उठता है कि आखिर वे कौन लोग हैं, जिन्होंने इसे यहां तक पहुंचाया। जनप्रतिनिधियों के विशेषाधिकार हैं, तो क्या उन्हें सुरक्षा में छूट दे देंगे? यह खतरनाक प्रवृत्ति है। खतरनाक स्थिति पैदा हो गई है। विधानभवन के कर्मियों का पुलिस वेरीफिकेशन होना चाहिए। योगी ने कहा कि जो कोई विधान भवन के अंदर आए, उसकी गहन तलाशी होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह जब पहली बार विधान भवन आए, तो उन्हें अचरज लगा, क्योंकि विधानसभा के सदस्यों से ज्यादा दूसरे लोग इधर-उधर घूम रहे थे। उन्होंने कहा कि किसी को सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने की छूट नहीं दी जा सकती।
इस बीच प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि विधानसभा के अंदर विस्फोटक बरामद होना खतरनाक स्थिति है और इसकी गहन जांच करके तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए। विधानसभा के अंदर अगर कोई अवांछनीय वस्तु रखी जा सकती है, तो उत्तर प्रदेश कितना सुरक्षित है इसकी कल्पना करना ज्यादा मुश्किल नहीं है। कांग्रेस प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि यह घटना विधानसभा जैसे कड़ी सुरक्षा वाले परिसर की सुरक्षा में गंभीरतम चूक है और सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए। गौरतलब है विधानसभा का सत्र चलने के दौरान गुरुवार देर शाम सदन में सफेद रंग के संदिग्ध पाउडर की एक पोटली मिलने से हड़कंप मच गया। 150 ग्राम वजन की यह पोटली सदन में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी की कुर्सी से कुछ दूरी पर मिली। उसे जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजा गया। जांच में पता चला कि वह शक्तिशाली विस्फोटक पीईटीएन था।
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