नई दिल्ली, 30 जुलाई, (वीएनआई) असम में आज नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन का ड्राफ्ट जारी होने के बाद 40 लाख लोगों के बाहर होने को लेकर टीएमसी ने राज्यसभा में काफी बवाल किया, जिसके बाद 12 बजे तक कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया।
टीएमसी सांसदों ने इस लिस्ट को लेकर सवाल किए वहीं, गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सफाई देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने एनआरसी रिपोर्ट पर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव दिया। टीएमसी सांसद और कुछ अन्य विपक्षी पार्टी के सांसदों डेरेक ओ ब्रायन के नेतृत्व में राज्यसभा में शोरगुल मचाना शुरू कर दिया। राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू ने मामले को संभालने की कोशिश की, लेकिन हंगामा बढ़ने के बाद उन्होंने 12 बजे तक के लिए सदन स्थगित कर दिया।
वहीं केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इस मुददे पर कहा, 'कुछ लोग बिना वजह ही इस लिस्ट के आधार पर माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं। यह पूरी तरह से निष्पक्ष रिपोर्ट है। कोई भी भ्रामक जानकारी नहीं फैलाई जानी चाहिए। यह कोई फाइनल लिस्ट नहीं बल्कि ड्राफ्ट है।' बता दें कि नागरिकता के लिए 3,29,91,380 लोगों ने नागरिकता के लिए आवेदन किया था, जिनमें से 2,89,38, 677 को नागरिकता के लिए योग्य पाया गया है। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरन रिजिजू ने भी इस ड्राफ्ट को लेकर राजनीतिक घमासान पर कहा कि सरकार किसी के साथ भी अन्याय नहीं करेगी। उन्होंने कहा, 'एनआरसी पर राजनीतिक हंगामा या अविश्वास का माहौल बनाना गलत है। यह आदेश माननीय सुप्रीम कोर्ट का था और जिनका नाम लिस्ट में नहीं है उनके ऊपर अभी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। सबके पास दूसरा मौका है इसलिए बेवजह असहज स्थिति बनाने से बचना चाहिए।' गौरतलब है कि जिन 40 लाख लोगों का नाम लिस्ट से बाहर है उनके पास अभी भी क्लेम करने का दूसरा अवसर है।
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