नई दिल्ली, 1 जून (वीएनआई) कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हाल के लोक सभा चुनाव में कांग्रेस को वोट देने वाले देश के 12 करोड़ मतदाताओं को धन्यवाद दिया है, साथ ही उन्होंने चुनावों मे कॉग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व की भावना से शिद्दत से चुनाव लड़ने के लिये उन की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने नेतृत्व के साथ अनथक प्रयास, मेहनत और ुउद्देशय के प्रति समर्पण की भावना से चुनाव लड़ा .
आज पार्टी के संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद उन्होंने मतदाताओं का आभार जताते हुए कहा कि कॉग्रेस पार्टी को दिया गया उन का वोट संविधान की रक्षा,आर्थिक समाजिक प्रगति स्वतंत्रता और समाजिक न्याय के लिये दिया गया वोट हैं.
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) अध्यक्ष सोनिया गांधी कांग्रेस संसदीय दल की नेता बनी रहेंगी. लोकसभा में पार्टी के नवनिर्वाचित सदस्यों ने एक बार फिर उन्हें आज यहां अपनी पहली बैठक के दौरान कांग्रेस संसदीय दल (सीपीपी) के नेता के रूप में चुना. सोनिया ने भाजपा के दिनेश प्रताप सिंह को 1.67 लाख से अधिक मतों के अंतर से हराकर उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट पर जीत दर्ज की है. इस संबंध में कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट किया, "सोनिया गांधी को कांग्रेस संसदीय दल के नेता के रूप में चुना गया है.
सोनिया गांधी को नेता चुने जाने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि सभी सदस्यों को एक बात याद रखनी चाहिए कि हम सभी संविधान और हर भारतीय के लिए लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारे पास अभी भी 52 सांसद हैं और हम हर दिन बीजेपी से लड़ेंगे. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि पार्टी के हर कार्यकर्ता को यह याद रखना चाहिए कि वह संविधान एवं देश के हर नागरिक के लिए लड़ रहा है.
कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला के मुताबिक राहुल गांधी ने कहा, ''कांग्रेस के हर कार्यकर्ता को यह याद रखना चाहिए कि आप संविधान के लिए लड़ रहे हैं, आप देश के हर व्यक्ति के लिए लड़ रहे हैं चाहे वह किसी भी रंग या आस्था का हो.'' कांग्रेस अध्यक्ष ने लोकसभा चुनाव में मेहनत के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं का आभार प्रकट किया. गत 25 मई को कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में पार्टी की हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे की पेशकश करने के बाद गांधी पहली बार पार्टी की किसी बैठक में शामिल हुए.
कांग्रेस को इस चुनाव में कुल 52 सीटें हासिल हुई हैं जिस वजह से सदन में उसके नेता को नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी एक फिर नहीं मिलेगी. सीपीपी की बैठक कांग्रेस में नेतृत्व को ले कर चल रही अनिश्चितता के बीच हुई हुई क्योंकि लोकसभा चुनाव में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पद छोड़ने की जिद पर अड़े हुए हैं. 19 साल तक कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर काम करने के बाद 2017 में सोनिया ने पार्टी की कमान बेटे राहुल को सौंपी थी.
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