राज्ससभा कासगंज हिंसा और दिल्ली सीलिंग पर बाधित

By Shobhna Jain | Posted on 2nd Feb 2018 | राजनीति
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नई दिल्ली, 2 फरवरी (वीएनआई)| राज्यसभा में आज आम आदमी पार्टीऔर समाजवादी पार्टी समेत अन्य विपक्षी पार्टियों ने उत्तर प्रदेश के कासगंज में सांप्रदायिक हिंसा और दिल्ली में सीलिंग अभियान का मुद्दा उठाया, जिसके कारण राज्यसभा की कार्यवाही बाधित हुई। 

सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद, पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में सड़क दुर्घटना में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी गई। उसके बाद राज्यसभा के उपसभापति पी. जे. कुरियन ने विधायी कार्य को निपटाया और शून्य काल में सदस्यों को उनके मुद्दे उठाने की इजाजत दी। सपा नेता रामगोपाल यादव और नरेश अग्रवाल ने कासगंज सांप्रदायिक हिंसा के संबंध में सरकार पर 'अल्पसंख्यकों की आवाज दबाने' का आरोप लगाया और इस संबंध में सरकार से जवाब मांगा। यादव ने कहा, "कासगंज में अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न किया जा रहा है। प्रशासन के सहयोग से उनके घर को क्षतिग्रस्त किया जा रहा है और उनकी आवाज दबाई जा रही है। उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है। जब यादव यह मामला उठा रहे थे, सपा के अन्य सदस्य सभापति के आसन के समीप चले गए और नारे लगाने लगे। आप के नवनिर्वाचित सदस्य भी सदन में पार्टी के नेता संजय सिंह के नेतृत्व में सभापति के आसन के पास पहुंच गए और दिल्ली में सीलिंग मुद्दे पर नारे लगाने लगे।

कांग्रेस नेता के.वी.पी. रामचंद्र रॉव भी हाथ में एक तख्ती लिए सत्ता पक्ष के पास पहुंच गए। तख्ती पर लिखा था- 'आंध्र प्रदेश की मदद करो'। कुरियन ने रॉव को सीट पर जाने के लिए बार-बार कहा और मुद्दे को उचित नोटिस देकर उठाने को कहा, लेकिन वह न तो वापस गए और न ही उन्होंने एक शब्द कहा।कुरियन ने नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद से आग्रह किया कि वह अपनी पार्टी के सदस्य को वापस उनकी सीट पर जाकर बैठने को कहें। उन्होंने कहा, इसे देखिए, वह क्या कर रहे हैं। क्या कोई इस तरह कर सकता है। वह पागल हो गए हैं। मैं उनके खिलाफ कार्रवाई करूंगा। रॉव सपा और आप सदस्यों के नारे के बीच अपनी जगह पर चुपचाप डटे रहे। वहीं कासगंज हिंसा के लिए उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए नरेश अग्रवाल ने कहा, जो कुछ भी कासगंज में हो रहा है, वह राज्य सरकार की शह पर हो रहा है और प्रशासन ने इस संबंध में एकतरफा निर्णय लिया है। कुरियन ने इस मुद्दे पर सपा नेताओं को उचित नोटिस देने के लिए कहा और स्पष्ट किया कि वे लोग इस पर सरकार को प्रतिक्रिया देने के लिए जबरदस्ती नहीं कर सकते। उन्होंने राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित करते हुए कहा, "यह सरकार पर है कि वह उत्तर दे। मैं सदन को स्थगित करने के लिए मजबूर हूं।

सदन की कार्यवाही जब दोबारा शुरू हुई, संजय सिंह की अगुवाई में आप के सदस्य सभापति के आसन के समक्ष चले गए और नारे लगाने लगे। उन्होंने केंद्र सरकार पर सात लाख व्यापारियों की जिंदगियों को बर्बाद करने का आरोप लगाया। कुरियन ने आप सदस्यों से इस मामले में सोमवार को उचित नोटिस देने को कहा, लेकिन उनलोगों ने अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा। नेता प्रतिपक्ष आजाद ने कहा, दिल्ली सभी सांसदों का दूसरा घर है। इसलिए यह हमारा दायित्व है कि हम उनकी मदद करें। केंद्र सरकार केवल मूकदर्शक बन कर नहीं रह सकती। आप के सदस्य इस मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष के बोलने और केंद्र सरकार से 'दिल्ली के लोगों की मदद करने' का आग्रह करने के बाद अपनी जगहों पर वापस चले गए और शून्य काल की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई। प्रश्न काल समाप्त होने के बाद कुरियन ने अपराह्न् ढाई बजे तक सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।


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