नई दिल्ली, 26 जून, (वीएनआई) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण का जवाब देते हुए कांग्रेस पर निशाना साधते हुए गालिब के नाम पर एक ऐसा शेर भी सुना गए जो कभी गालिब ने नहीं कहा था। जिसके बाद वह सोशल मीडिया पर ट्रोल हो गए।
प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के भाषण पर कहा कि शायद इसीलिए गालिब ने कहा है, ताउम्र ग़ालिब ये भूल करता रहा, धूल चेहरे पर थी आईना साफ करता रहा। वहीं प्रधानमंत्री के शेर सुनाने के बाद सोशल मीडिया पर इस पर चर्चा शुरू हुई तो लोगों ने पूछा कि आखिर ये शेर गालिब ने कब लिखा।
मशहूर शायर जावेद अख्तर ने ट्वीट कर लिखा, जो शेर राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुनाया है, वह गालिब का है ही नहीं। वह सोशल मीडिया में गलत तरीके से फैलाया गया है। उन्होंने लिखा कि शेर के दोनों मिसरे भी शायरी के लिहाज से ठीक नहीं हैं। जबकि रेडियो जॉकी सायमा ने ट्विटर पर सवाल उठाया कि क्या मोदी के भाषण के लिए कोई रिसर्च नहीं हो रही है? उन्होंने तंजिया लहजे में लिखा कि गालिब ने लिखा है- बड़े बे-आबरू बोकर तेरे कूंचे से हम निकले।
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