नई दिल्ली, 04 जुलाई, (वीएनआई) पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिंदबरम ने आर्थिक सर्वेक्षण पर टिप्पणी करते हुए कहा कि आर्थिक सर्वेक्षण को देखकर ऐसा लगता है कि सरकार खुद इसे लेकर निराशावादी है।
पी चिंदबरम ने कहा कि आर्थिक सर्व में कहीं बातें ना तो सकारात्मक हैं और ना ही उत्साहजनक। पी चिंदबरम ने कहा कि इसके जरिए सरकार ने खुद को बधाई दी है। इसका पहले भाग का पहला पृष्ठ यही बताता है। इसमें विकास को लेकर कोई भी अनुमान सेक्टरों को लेकर नहीं है। आर्थिक सर्वेक्षण से ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार अर्थव्यवस्था के बारे में निराशावादी है। मोदी सरकार के लिए इकोनमी को पटरी पर लाना बड़ी चुनौती है। पिछले वित्त वर्ष में जनवरी-मार्च तिमाही में आर्थिक वृद्धि पांच साल के न्यूनतम स्तर 5.8 फीसदी पर आ गयी है।
गौरतलब है मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में पहली बार वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सर्वेक्षण संसद के दोनों पटलों पर रखा। निर्मला सीतारमण ने सर्वेक्षण रिपोर्ट में बताया कि साल 2019-2020 में जीडीपी की वृद्धि दर 7 प्रतिशत रहने का अनुमान है। विदेशी मुद्रा भंडार को लेकर इसमें कहा गया है कि देश में विदेशी मुद्रा का पर्याप्त भंडार बना रहेगा। वहीं सर्वेक्षण में अनुमान लगाया गया है कि साल 2019-2020 में तेल की कीमतों में गिरावट आएगी। निर्मला सीतारमण दूसरे कार्यकाल का पहला बजट शुक्रवार को पेश करेंगी।
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