श्रीनगर, 5 जून (वीएनआई)| कश्मीर के अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक ने आज कश्मीर के अलगाववादी नेताओं की नेकनीयती पर सवाल उठाने वाले एक युवक का समर्थन किया और कहा कि उसके जैसे युवाओं को अपनी भावनाओं को जाहिर करने का पूरा अधिकार है।
कैसर अहमद के चचेरे भाई इरफान शेख ने मृतक पर संवेदना प्रकट करने आए अलगाववादी नेताओं को सवालों के कटघरे में खड़ा किया था। कैसर अहमद की बीते सप्ताह श्रीनगर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के वाहन से कुचलकर मौत हो गई थी। अलगाववादी नेताओं से तीखे सवाल करते शेख का वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो गया, जिसे लेकर सोशल मीडिया व राष्ट्रीय समाचार चैनलों पर चर्चा शुरू हो गई।
मीरवाइज ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्विटर पर लिखा, भारतीय मीडिया बार-बार अपना छिछलापन और निराशा को दिखा रही है। इरफान शेख जैसे कश्मीर के युवा, जो आजादी के आंदोलन में सबसे आगे हैं, बलिदान दे रहे हैं, उन्हें अपने नेतृत्व पर सवाल उठाने व अपनी भावनाओं को जाहिर करने का पूरा अधिकार है। उन्होंने कहा, असल में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का यह वर्ग कश्मीर के बारे में नफरत और दुष्प्रचार फैलाता रहता है। इसमें इसका गहरा हित निहित है। कश्मीर और हुर्रियत पर हमला करना इसके लिए बड़ी टीआरपी का जरिया बन गया है!
वीडियों में शेख को यह कहते सुना जा रहा है कि अलगाववादी नेताओं के रवैये में दोहरापन है। उसने कहा, एक तरफ आप शबीर शाह की बेटी को दिल्ली पब्लिक स्कूल की छात्रा के रूप में बेहतर प्रदर्शन पर बधाई दे रहे हैं और दूसरी तरफ आप कश्मीरियों को अपने बच्चों को ईसाई मिशनरी स्कूलों में नहीं भेजने को कह रहे हैं। शेख ने कहा, पैगंबर (हजरत मुहम्मद) के उपदेश के खिलाफ, जिसमें उन्होंने मृतक को जल्द दफनाने को कहा है, आप ने हमारे चचेरे भाई के शव को तीन घंटों तक सड़क पर रखा। क्या यही पवित्र पैगंबर की सीख है? शेख ने यह भी कहा कि कैसर के पीछे उसकी दो बहनें हैं, जिनका कैसर की मौत के बाद दुनिया में कोई नहीं है।
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