लखनऊ, 4 दिसम्बर (वीएनआई)। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायवती ने कहा कि भाजपा की जीत में ईवीएम की भूमिका अगर नहीं है तो बसपा की जीती हुई अलीगढ़ और मेरठ सहित सभी 16 मेयर की सीटों पर बैलेट पेपर से मतदान करा लें। इससे उन्हें अपनी पार्टी की असलियत के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कथित विजन का भी पता चल जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की टिप्पणी 'ईवीएम से चुनाव में भरोसा नहीं है तो बसपा के मेयर इस्तीफा दें, वहां पर बैलेट पेपर से दोबारा चुनाव कराया जाएगा', पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मायावती ने कहा कि यह चोरी और ऊपर से सीनाजोरी की बदतर मिसाल है। मायावती ने अपने बयान में कहा, वास्तव में 2014 के लोकसभा व 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा ने ईवीएम के माध्यम से चुनावी धांधली करके जीत हासिल की और केंद्र व उप्र में बहुमत की सरकार बना ली। इन दोनों ही चुनाव में भाजपा को वैसा जनसमर्थन कतई नहीं था, जैसाकि चुनाव परिणाम दर्शाते हैं। उन्होंने कहा, प्रदेश में इस बार मेयर का चुनाव भी ईवीएम से कराया गया, जहां धांधली करके 16 में से 14 सीट जीत ली गई। अलीगढ़ व मेरठ में बसपा जीती, क्योंकि यहां जर्बदस्त जन उबाल था तथा ज्यादा गड़बड़ी करने पर चोरी साफ तौर पर पकड़े जाने की आशंका थी, जिससे भाजपा की और भी ज्यादा फजीहत हो सकती थी।
मायावती ने कहा, नगर पालिका व नगर पंचायत के चुनाव में जहां ईवीएम के बजाय बैलेट पेपर से मतदान हुए वहां आखिर भाजपा क्यों पिछड़ गई? इससे भी साफ है कि मेयर के चुनाव में ईवीएम के माध्यम से धांधली के कारण भाजपा जीती न कि जनसमर्थन के कारण। इतना ही नहीं बल्कि सरकारी मशीनरी का जबर्दस्त दुरुपयोग कर बसपा के प्रत्याशी को खासकर सहारनपुर, आगरा व झांसी में हराया गया है। उन्होंने कहा कि लखनऊ में भी चुनाव विभिन्न कारणों से स्वतंत्र व निष्पक्ष नहीं रहा है, यह बात स्वयं राज्य चुनाव आयोग भी मानता है, जिस संबंध में जांच भी कराई जा रही है।
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