नई दिल्ली, 04 जुलाई, (वीएनआई)। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सर्वोच्च न्यायलय द्वारा दिल्ली के अधिकारों पर दिए गए फैसले के बाद कहा कि सर्वोच्च न्यायलय के फैसले का हम स्वागत करते हैं और अब हर फाइलें उप राज्यपाल के पास भेजने की जरूरत नहीं होगी।
गौरतलब है पिछले तीन साल से दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच दिल्ली के अधिकारों को लेकर चल रही तनातनी पर आज सर्वोच्च न्यायलय ने अपने फैसले में काफी हद तक आम आदमी पार्टी को राहत दी है। हालाँकि न्यायलय ने ने दिल्ली को पूर्ण राज्य की मांग को ठुकरा दिया है।
मनीष सिसोदिया ने कहा, हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा उप राज्यपाल के पास मनमानी का पावर नहीं है। हर फैसले में टांग अड़ा रहे थे, अब फाइले उप राज्यपाल के पास भेजने की जरूरत नहीं।' सिसोदिया ने कहा कि तीन आरक्षित विषयों पुलिस, जमीन और कानून व्यवस्था को छोड़कर सारे फैसले में हमारे पक्ष में हैं। अब दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार को हर काम के लिए उप राज्यपाल से अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी। सिसोदिया ने आगे कहा कि ट्रांसफर-पोस्टिंग का फैसला दिल्ली सरकार के पास होगा। उन्होंने कहा कि एलजी हर काम में टांग अड़े रहे थे, लेकिन इस फैसले के बाद दिल्ली की जनता को काफी राहत मिली और यह दिल्ली की जनता की जीत है। हालांकि, सिसोदिया ने कहा कि वे दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा के लिए अपनी लड़ाई लड़ते रहेंगे।
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