हिमंता बिस्वा ने कहा नागरिकता के लिए धार्मिक उत्पीड़न साबित करना मुश्किल

By Shobhna Jain | Posted on 19th Jan 2020 | राजनीति
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नई दिल्ली, 19 जनवरी, (वीएनआई) देश भर में नागरिकता संशोधन कानून क खिलाफ हो रहे प्रदर्शन के बीच असम के वित्तमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने इस कानून को लेकर कहा है कि धार्मिक प्रताड़ना की अवधारणा को साबित करना संभव नहीं है।

हिमंता बिस्वा ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति धार्मिक आधार पर उत्पीड़ को साबित भी करना चाहता है तो, उसे संबंधित देश लौटना होगा और पुलिस से उत्पीड़न किए जाने संबंधी दस्तावेज हासिल करने होंगे। ऐसे में कोई भी देश यह बात मानने को कैसे तैयार होगा कि उसके यहां धार्मिक आधार पर उत्पीड़न हुआ है या होता है। उन्होंने आगे कहा कि सीएए के तहत नागरिकता प्राप्त करने के लिए आवेदन करने के तीन नियम है,इनमें से पहला है कि आवेदक हिंदू,जैन,पारसी,ईसाई, सिख या बौद्ध हो। दूसरा, आवेदक मूल रूप से पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान का रहने वाला हो और तीसरा यह कि उसके पास 31 दिसंबर 2014 के पहले से भारत में रहने का प्रूफ हो। उन्होंने कहा कि इसके अलावा धार्मिक उत्पीड़न नागरिकता के लिए कोई मापदंड नहीं है।


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