नई दिल्ली, 21 जून, (वीएनआई) एआईएमआईएम के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में तीन तलाक का जमकर विरोध किया।
एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी ने इस बिल को संविधान विरोधी बताने के साथ इसके कई बिंदुओं पर सवाल खड़े किये। उन्होंने कहा कि ये यह संविधान के आर्टिकल 14 और 15 का उल्लंघन है। हमारे पास पहले से ही घरेलू हिंसा अधिनियम 2005, सीआरपीसी धारा 125, मुस्लिम महिला विवाह अधिनियम है। उन्होंने आगे कहा कि अगर अगर तीन तलाक बिल एक कानून बन जाता है तो यह महिलाओं के खिलाफ और भी बड़ा अन्याय होगा।
असदुद्दीन ओवैसी ने आगे तीन तलाक के प्रावधानों पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अगर कोई आदमी गिरफ्तार हो जाता है, तो वह जेल से गुजारा भत्ता कैसे देगा? सरकार का कहना है कि अगर कोई मुस्लिम व्यक्ति इस अपराध को करता है तो विवाह बरकरार रहेगा और अगर उसे अदालत द्वारा दंडित किया जाता है तो उसे 3 साल की जेल होगी। वह 3 साल के लिए जेल जाएगा लेकिन शादी बरकरार रहेगी! मोदी क्या कानून बना रहे हैं?
गौरतलब है कि मोदी सरकार अपने पहले कार्यकाल में इस बिल को पास नहीं करा पाई थी। मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले सत्र में आज लोकसभा में तीन तलाक बिल रखा। मोदी सरकार की तरफ से केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ये बिल सदन के पटल में रखा।
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