उत्तर प्रदेश की कद्दावर कॉग्रेस नेता रीता बहुगुणा जोशी के भाजपा में जाने की खबरे जोरो पर

By Shobhna Jain | Posted on 17th Oct 2016 | राजनीति
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लखनऊ/नई दिल्ली,१७ अक्टूबर(शोभनाजैन/वीएनआई) उत्तर प्रदेश के आगामी विधान सभा चुनावो से पूर्व प्रदेश मे एक जहाज से दूसरे जहाज मे जाने की कवायद तो शुरू हो ही चुकी है.कुछ दिन पूर्व भाई विजय बहुगुणा को कॉग्रेस से भाजपा मे जाने से रोकने की जिम्मेवारी मे जुटी रीता बहुगुणा के अब खुद भारतीय जनता पार्टी मे जाने की खबर जोरो पर है.ऐसी खबरे है कि अगले साल की शुरुआत में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव प्रचार मे जोर शोर से जुटी कांग्रेस से निकट भविष्य में उसकी प्रमुख नेता रीता बहुगुणा जोशी किनारा कर सकती हैं. यह चर्चा तेज है कि इन दिनो हाशिये पर पड़ी रीता बहुगुणा जोशी का कांग्रेस से मोहभंग हो चुका है और वे बहुत जल्द भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकती हैं. मीडिया रिपोर्टो के अनुसार रीता बहुगुणा जोशी इन दिनों भारतीय जनता पार्टी के कई नेताओं के संपर्क में हैं और निकट भविष्य में भाजपा में शामिल हो सकती हैं. रीता बहुगुणा जोशी ने पिछला लोकसभा चुनाव लखनऊ से भाजपा के राजनाथ सिंह के खिलाफ लड़ा था. उनके भाई व उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा पहले ही कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो चुके हैं.उन्हे भाजपा मे शामिल होने से रोकने के के लिये उन्हे मनाने की जिम्मेवारी उनकी बहिन रीता बहुगुणा जोशी को ही सौंपी गई थी.ब्राह्मण वोटों को जोेड़ने की जुगत में लगी कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की बेचैनी इस खबर से बढ़ सकती है. सोशल मीडिया में यह खबर वायरल है कि रीता बहुगुणा किसी भी समय भाजपा के साथ जा सकती हैं, क्योंकि उन्हें ऐसा लग रहा है कि पार्टी में उन्हें हाशिये पर ला दिया गया है. हाल ही मे पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी की उत्तर प्रदेश यात्रा मे भी रीता बहुगुणा किनारे पर थे, वे उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा की बेटी हैं. रीता बहुगुणा कांग्रेस की बड़ी नेता हैं और वर्तमान में लखनऊ विधानसभा सीट से विधायक हैं. वह महिला कांग्रेस की अध्यक्ष उत्तरप्रदेश इकाई की भी अध्यक्ष रहीं हैं. चूंकि रीता बहुगुणा का उत्तर प्रदेश के बड़े राजनीतिक परिवार से संबंध रहा है और उनकी पकड़ भी प्रदेश की राजनीति में है, ऐसे में उन्हें यह उम्मीद थी कि जब पार्टी एक ब्राह्मण को सीएम उम्मीदवार घोषित करेगी तो उन्हें इसका फायदा मिलेगा. पार्टी ने ब्राह्मण उम्मीदवार सीएम कैंडिडेट के लिए दिया भी, लेकिन वह दिल्ली से भेजी गई शीला दीक्षित हैं. पहले रीता बहुगुणा जोशी उत्तरप्रदेश कांग्रेस की प्रमुख चेहरा थीं, लेकिन अब सीएम कैंडिडेट के रूप में शीला दीक्षित व प्रदेश अध्यक्ष के रूप में राज बब्बर ही पार्टी के प्रमुख चेहरा हैं. राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा तो बहुत दिन से चल रही है कि रीता बहुगुणा कांग्रेस का हाथ छोड़ भाजपा में जा सकती हैं, लेकिन अभी तक इस बारे में रीता की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है और ना ही कांग्रेस-भाजपा ने इस संबंध में कोई टिप्पणी की है. हालांकि उनके भाई और कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में शामिल हुए विजय बहुगुणा का यह कहना है कि यह खबर महज अफवाह है. उन्होंने एक क्षेत्रीय न्यूज चैनल से यह बात कही है.वी एन आई

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