नयी दिल्ली 14/02/2021(सुनील कुमार -वीएनआई)
जय वित्ती चाचा, ओम् जय वित्ती चाचा
इत्ते लादे टैक्स, हमारा बदल गया ढांचा
ओम् जय वित्ती चाचा…।-
काका हाथरसी
बजट शब्द एक पुराने फ्रेंच शब्द से लिया गया है, जिसका मतलब है छोटा सा बैग. शायद उस वक्त एक छोटे से बैग में पूरी दौलत समा जाती होगी या फिर उस वक्त के मंत्री एक छोटे से बैग में अपनी अहम घोषणाओं को लपेटकर लाया करते होंगे. खैर, अब इस छोटे से बैग की जगह उस सूटकेस ने ले ली है जो बजट से पहले वित्तमंत्री के हाथ में नज़र आता है.======
वैसे आज़ाद भारत से भी पहले की बात की जाए तो आधुनिक इतिहास में अकबर के नौ रत्नों में से एक राजा टोडरमल को अनाधिकारिक तौर पर पहला वित्तमंत्री कहा जाता है. उस दौर में कैलेंडर अलग हुआ करते थे, लेकिन अभी की तरह तब भी साल भर के राजस्व और व्यय का हिसाब जनता दरबार में रखा जाता था===
पहले के दौर में पब्लिक अकाउंटिंग का अर्थ सिर्फ कर वसूली तक ही सीमित था. लोक-लेखा की बात जब होती है, तब शेर शाह सूरी का नाम भी याद किया जाता है. 1538 से 1545 तक उत्तर भारत पर सूरी साम्राज्य का दबदबा रहा. अकबर से पहले राजा टोडरमल ने शेर शाह सूरी के राज्यकाल में ही अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया था. दहशाला का खाका भी शेर शाह सूरी के वक्त ही खींच दिया गया था, जिसे अकबर के दौर में अमली जामा पहनाया गया.===
वस्तु विनिमय (बार्टर) की जगह नगदी लेन देन की व्यवस्था के लिए भी शेर शाह सूरी के दौर का नाम है. रुपया भी सूरी की ही देन है. पहले ‘रुपया’ शब्द किसी भी तरह के चांदी के सिक्के के लिए इस्तेमाल होता था. लेकिन सूरी साम्राज्य के दौर में रुपया, उस चांदी के सिक्के के लिए इस्तेमाल होने लगा जिसका वजन 11.53 ग्राम का हुआ करता था. मोहुर नाम के सोने का सिक्का (169 ग्रेन) और पैसा कहे जाने वाले तांबे के सिक्के भी सूरी सरकार के दौरान ही ढाले गए. सूरी साम्राज्य की यही सिक्का प्रणाली मुगलों ने भी जारी रखी.======
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गणतंत्र भारत का पहला बजट (Budget) 28 फरवरी 1950 को जॉन मथाई ने पेश किया. चेट्टी ने
1948-49 के बजट (Budget) में पहली बार अंतरिम (Interim) शब्द का प्रयोग किया.
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