नई दिल्ली, 18 अक्टूबर, (वीएनआई) शारद नवरात्रि के चौथा दिन आज देवी मां कूष्मांडा की पूजा की जाती है। इस बार नवरात्री के पूरे नौ दिन देवी माँ की आराधना होगी। कूष्मांडा आदिशक्ति का वह स्वरूप है, जिनकी मंद मुस्कान की वजह से सृष्टि ने सांस लेना आरंभ किया था। माता कूष्मांडा का निवास स्थान सूर्यमंडल के बीच में माना जाता है।
देवी के इस चौथे स्वरूप की पूजा करने से संसार के हर सुख की प्राप्ति होती है। नवरात्रि के चौथे दिन इनका ध्यान करते हुए पूजन करने वालों को भोग एवं मोक्ष मिलता है। मां कूष्मांडा अष्ट भुजाओं वाली देवी हैं। इनकी भुजाओं में बाण, चक्र, गदा, अमृत कलश, कमल और कमंडल शोभते हैं। मां कूष्मांडा की सवारी सिंह है।
मां कूष्मांडा का मंत्र :-
या देवी सर्वभूतेषु मां कूष्मांडा रूपेण संस्थिता. नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
वहीं देवी कूष्मांडा की पूजा करते वक्त हर वस्तु, ओम देवी कूष्माण्डायै नमः॥ के नाम से अर्पित करना चाहिए। कूष्मांडा मां की पूजा गुलाब, कमल, लाल रंग के गुड़हल के फूल से करनी चाहिए हैं। जबकि माता कूष्मांडा की पूजा में आप हलवा, दूध की खीर, मालपूआ से भोग लगाएं। देवी कूष्मांडा को आप पेठा भी चढ़ा सकते हैं। देवी की प्रसन्नता के लए आप सफेद पेठे की बलि भी दे सकते हैं।
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